गुजरात में कथित फर्जी मुठभेड़ों में मौतों की जांच की समय सीमा बढ़ी
प्रधान न्यायाधीश जस्टिस टीएस ठाकुर, जस्टिस एएम खानविल्कर और डीवाई चंद्रचूड़ की पीठ ने कहा कि 24 में दो मामलों की अभी जांच किए जाने की जरूरत है।
नई दिल्ली, प्रेट्र। गुजरात में 2002 से 2006 के बीच कथित फर्जी मुठभेड़ों में हुई मौतों की जांच कर रहे विशेष कार्य बल (एसटीएफ) को सुप्रीम कोर्ट ने तीन और महीनों का समय दे दिया है। यह बल शीर्ष अदालत के सेवानिवृत्त न्यायाधीश जस्टिस एचएस बेदी की अध्यक्षता में गठित निगरानी समिति की देखरेख में कार्य कर रहा है।
प्रधान न्यायाधीश जस्टिस टीएस ठाकुर, जस्टिस एएम खानविल्कर और डीवाई चंद्रचूड़ की पीठ ने कहा कि 24 में दो मामलों की अभी जांच किए जाने की जरूरत है। जस्टिस बेदी को 02 मार्च, 2012 को राज्य सरकार की ओर से गठित और पहले से कार्य कर रही निगरानी समिति का अध्यक्ष नियुक्त किया गया था। वरिष्ठ पत्रकार बीजी वर्गीज और शायर जावेद अख्तर ने 2007 में इस संबंध में एक जनहित याचिका दायर की थी।
इसमें गुजरात में कथित फर्जी मुठभेड़ों की जांच किसी स्वतंत्र एजेंसी या सीबीआइ से कराने के लिए निर्देश देने की मांग की गई थी, ताकि सच सामने आ सके। वर्गीज का 30 दिसंबर, 2014 को निधन हो गया था।
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