बजट दस्तावेज भी लीक, जासूसी में सात और गिरफ्तार
पेट्रोलियम मंत्रालय के गोपनीय दस्तावेज बेचने के आरोप में गिरफ्तार आरोपियों के पास से आम बजट 2015-16 के लिए वित्त मंत्री के भाषण के कागजात भी बरामद हुए हैं। इसमें नेचुरल गैस ग्रिड से संबंधित योजना भी है। श्रीलंका में गैस निकालने संबंधी संभावनाओं पर तैयार रिपोर्ट की फोटोस्टेट कॉपी
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। पेट्रोलियम मंत्रालय के गोपनीय दस्तावेज बेचने के आरोप में गिरफ्तार आरोपियों के पास से आम बजट 2015-16 के लिए वित्त मंत्री के भाषण के कागजात भी बरामद हुए हैं। इसमें नेचुरल गैस ग्रिड से संबंधित योजना भी है। श्रीलंका में गैस निकालने संबंधी संभावनाओं पर तैयार रिपोर्ट की फोटोस्टेट कॉपी भी उनके पास से मिली है। इस बीच, शुक्रवार को पेट्रोलियम मंत्रालय के दस्तावेज लीक मामले में दिल्ली पुलिस ने सात और लोगों को गिरफ्तार किया। अब तक कुल 12 गिरफ्तारियां की जा चुकी हैं।
सूत्रों ने बताया कि आरोपियों से डेढ़ सौ से ज्यादा महत्वपूर्ण दस्तावेज बरामद हुए हैं। इनमें मासिक रिपोर्ट से लेकर देश-विदेश में योजनाओं से संबंधित दस्तावेज शामिल हैं। आरोपियों के पास से नेचुरल गैस ग्रिड शीर्षक से एक दस्तावेज मिला है। इसमें आम बजट के लिए वित्त मंत्री के भाषण के अंश हैं।
नैचुरल गैस व पेट्रोलियम को लेकर योजनाओं का भी जिक्र है। प्रारंभिक पूछताछ में खुलासा हुआ है कि ये दस्तावेज किसी बड़ी ऊर्जा कंपनी के कर्मचारी के कहने पर चुराए गए हैं। गौरतलब है कि इन दिनों आम बजट की छपाई चल रही है। अब तक जितनी छपाई हो चुकी है, वे दस्तावेज लीक हो गए हैं।
कौन हैं ये सात आरोपी
गिरफ्तार आरोपियों की पहचान रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड के कॉरपोरेट मामलों के प्रबंधक शैलेश सक्सेना, एस्सार के उपमहाप्रबंधक विनय कुमार, केयन्र्स इंडिया के महाप्रबंधक केके नाइक, जुबिलेंट एनर्जी के वरिष्ठ एक्जीक्यूटिव सुभाष चंद्रा, एडीएजी रिलायंस के उपमहाप्रबंधक ऋषि आनंद, वरिष्ठ पत्रकार शांतनु सैकिया व कंसल्टेंट फर्म चलाने वाले प्रयास जैन के रूप में हुई है। अभी कुछ और लोगों की गिरफ्तारी की जानी है।
श्रीलंका समेत चार देशों की योजनाएं बरामद
गत चार फरवरी को पेट्रोलियम व प्राकृतिक गैस मंत्रालय ने श्रीलंका में नेचुरल गैस निकालने संबंधी संभावनाओं पर विस्तृत रिपोर्ट तैयार की थी। यह रिपोर्ट भी आरोपियों के पास से मिली है। म्यांमार समेत तीन और देशों के लिए तैयार दस्तावेज उनके पास से बरामद हुए हैं।
ये महत्वपूर्ण दस्तावेज मिले
-पेट्रोलियम प्लानिंग एंड एनालिसिस सेल की मासिक गैस रिपोर्ट। दिसंबर 2014 से जनवरी तक।
-डिप्टी सेक्रेटरी नलिन कुमार श्रीवास्तव द्वारा तैयार चार रिपोर्ट।
-प्रमुख सचिव नृपेंद्र मिश्रा द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सौंपे जाने वाले गोपनीय दस्तावेज।
-16 फरवरी को ओएनजीसी द्वारा भारत सरकार के समक्ष भविष्य की योजनाओं के संबंध में प्रस्तुति संबंधी दस्तावेज।
-विदेशी देशों में नेचुरल गैस एवं पेट्रोलियम पर तैयार रिपोर्ट।
-पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय द्वारा बुलाई गई आपात बैठक के मीटिंग मिनट्स।
-बैकग्राउंड एवं परफार्मेंशन ऑफ अपस्ट्रीम सेक्टर।
मोटी रकम चुकाते थे
प्रयास जैन व शांतनु सैकिया से पूछताछ में पता चला है कि वे पेट्रोलियम मंत्रालय के कर्मचारियों से फाइलें खरीदते थे। महत्वपूर्ण फाइलों के लिए 50 हजार से 1 लाख रुपये तक पेमेंट करते थे। कम महत्वपूर्ण फाइलों को 5 से 10 हजार रुपये में खरीदते थे। दोनों अलग-अलग कंपनियों के लिए काम करते थे। शांतनु की पत्नी मुंबई में एक प्रतिष्ठित अंग्रेजी अखबार में काम करती थीं। वर्ष 2008 में मुंबई में होटल ताज पर आतंकी हमले के दौरान उनकी मौत हो गई थी।
आधी रात को करते थे चोरी
गिरफ्तार पांच आरोपियों को शुक्रवार दोपहर में पुलिस उसी दफ्तर लेकर गई, जहां से उन्होंने दस्तावेज चोरी किए। उनसे पूछा गया कि उन्होंने कहां से चोरी की। मंत्रालय के दो कनिष्ठ कर्मचारी आधी रात के बाद डुप्लीकेट चाबियों से ताले खोलकर वरिष्ठ अधिकारियों के कक्षों में जाते थे। आरोप है कि ये संयुक्त सचिव (रिफायनरी) संदीप पौनड्रिक और संयुक्त सचिव (एक्सप्लोरेशन) यूपी सिंह के कक्षों और निदेशक (एक्सप्लोरेशन-1) नलिन कुमार श्रीवास्तव सहित अनेक अधिकारियों और निदेशकों के कक्षों में घुसे थे। इनके पास से चाबियों का गुच्छा मिला है। इन्होंने गोपनीय दस्तावेजों की फोटोकॉपी की। दस्तावेज देने की एवज में एक आरोपी लालता को 70 हजार रुपये और दूसरे आरोपी राकेश को 40 हजार रुपये महीने दिए जाते थे। जरूरी कागजात की चोरी करने पर इन्हें इंसेंटिव भी दिया जाता था।
चार को पुलिस हिरासत में सौंपा
गुरुवार को गिरफ्तार किए गए पांच में से चार लोगों को कोर्ट ने 23 फरवरी तक पुलिस हिरासत में भेज दिया। पुलिस ने सभी सात आरोपियों को कोर्ट में पेश किया था और लालता प्रसाद, राकेश कुमार प्रयास जैन और शांतनु सैकिया की हिरासत मांगी थी। शेष तीन ईश्वर सिंह आशाराम और राजकुमार चौबे को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।