बाघ-इंसान को एक-दूसरे से बचाएंगे इंफ्रारेड कैमरे
इंसानों और बाघों को एक-दूसरे से बढ़ते खतरे को देखते हुए अब देश भर में इनकी सुरक्षा व्यवस्था को और पुख्ता किया जाएगा। इसके लिए सभी बाघ अभयारण्यों में आधुनिक तकनीक वाले हाई डेफनीशन इंफ्रारेड कैमरे लगाए जाएंगे। इनके दायरे में इंसान के घुसते ही ये संवेदनशील कैमरे चेतावनी जारी कर देंगे।
नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। इंसानों और बाघों को एक-दूसरे से बढ़ते खतरे को देखते हुए अब देश भर में इनकी सुरक्षा व्यवस्था को और पुख्ता किया जाएगा। इसके लिए सभी बाघ अभयारण्यों में आधुनिक तकनीक वाले हाई डेफनीशन इंफ्रारेड कैमरे लगाए जाएंगे। इनके दायरे में इंसान के घुसते ही ये संवेदनशील कैमरे चेतावनी जारी कर देंगे। इसी तरह बाघ ने गलती से सीमा पार करने की कोशिश की, तो वह भी पकड़ में आ जाएगा।
ये बहुत अधिक रिजोल्यूशन वाले इंफ्रारेड कैमरे अंधेरे में भी तस्वीर ले सकते हैं। हर मौसम में ये पांच किलोमीटर तक के दायरे में आने वाली किसी भी चलती-फिरती चीज की तस्वीर कैद कर लेंगे। ये कैमरे चौबीसों घंटे बाघों की मौजूदगी पर तो नजर रखेंगे ही, साथ ही किसी भी खतरे की चेतावनी भी उस अभयारण्य के कंट्रोल रूम को भेज सकेंगे। यह चेतावनी उसी समय केंद्रीय नियंत्रण कक्ष को भी मिल जाएगी।
राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण [एनटीसीए] के अधिकारी उम्मीद जताते हैं कि इस व्यवस्था के शुरू होने के बाद न सिर्फ समय से चेतावनी मिल सकेगी, बल्कि उन पर लापरवाही की आशंका भी नहीं रहेगी। ये बताते हैं कि सभी बाघ अभयारण्यों के कंट्रोल रूम को इसके लिए तैयार किया जा रहा है। अगले साल की शुरुआत तक यह तकनीक हर जगह शुरू हो जाएगी। हाल के दिनों में बाघों के शिकार के मामले तो बढ़े ही हैं, उनके आबादी वाले इलाकों में घुसने के मामलों की तादाद भी बढ़ गई है।
मोबाइल पर ताजा खबरें, फोटो, वीडियो व लाइव स्कोर देखने के लिए जाएं m.jagran.com पर