केंद्र बताए नेताओं के मामलों की कितनी विशेष अदालतें बनाईं: सुप्रीम कोर्ट
जस्टिस रंजन गोगोई के नेतृत्व में खंडपीठ ने मंगलवार को केंद्र को इस बारे में उसे सूचित करने को कहा।
नई दिल्ली, प्रेट्र। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से पूछा है कि उसने नेताओं से जुड़े मामलों की सुनवाई के लिए कितनी विशेष अदालतें गठित की हैं। सुप्रीम कोर्ट ने ऐसा करने के लिए पिछले साल ही आदेश दिया था। सर्वोच्च अदालत ने पिछले साल 14 दिसंबर को यह आदेश दिया था कि केंद्र सरकार राजनेताओं से जुड़े मामलों की सुनवाई के लिए 12 विशेष अदालतें बनाए और यह अदालतें इस साल एक मार्च से काम करना शुरू कर दें।
जस्टिस रंजन गोगोई के नेतृत्व में खंडपीठ ने मंगलवार को केंद्र को इस बारे में उसे सूचित करने को कहा। साथ ही कहा कि केंद्र यह भी बताए कि यह विशेष अदालतें किस प्रकार की हैं। जैसे सत्र अदालत या मजिस्ट्रेटी अदालत और उसके क्षेत्राधिकार का भी विस्तार से ब्योरा दें। खंडपीठ ने सरकार से पूछा कि सरकार यह भी बताए कि इन विशेष अदालतों में कितने मामले लंबित हैं। साथ ही इस बात का ब्रेकअप भी दे कि मेजिस्ट्रेटी और सत्र स्तरीय अदालतों में कितने मामले सुनने योग्य हैं। इसके साथ ही अदालत ने अगली सुनवाई 28 अगस्त को निर्धारित कर दी है।
इस बीच, दिल्ली हाईकोर्ट की ओर से पेश वकील ने बताया कि उनके अधीन दो विशेष अदालतें बनी हैं जिसमें एक सत्र और दूसरी मजिस्ट्रेटी अदालत है। इस पर खंडपीठ ने दिल्ली हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल से कहा कि वह 28 अगस्त से पहले-पहले हलफनामा दायर करके इन दो विशेष अदालतों में ट्रांसफर किए गए मुकदमों के ब्योरे के साथ ही संपूर्ण जानकारी दें।