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Infant Deaths at Kota Hospital: कोटा में बच्चों की मौत को लेकर केंद्र गंभीर, भेजेगी विशेषज्ञों की टीम

Infant Deaths at Kota Hospital केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से बात कर बच्चों की मौत रोकने के लिए हर संभव केंद्रीय मदद का भरोसा दिया।

By Manish PandeyEdited By: Published: Thu, 02 Jan 2020 09:37 PM (IST)Updated: Thu, 02 Jan 2020 09:37 PM (IST)
Infant Deaths at Kota Hospital: कोटा में बच्चों की मौत को लेकर केंद्र गंभीर, भेजेगी विशेषज्ञों की टीम
Infant Deaths at Kota Hospital: कोटा में बच्चों की मौत को लेकर केंद्र गंभीर, भेजेगी विशेषज्ञों की टीम

नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। Infant Deaths at Kota Hospital कोटा में बड़ी संख्या में बच्चों की मौत को केंद्र सरकार ने गंभीरता से लिया है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन (Union Health Minister Harsh Vardhan) ने राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Rajasthan CM Ashok Gehlot) से बात कर बच्चों की मौत रोकने के लिए हर संभव केंद्रीय मदद का भरोसा दिया। इसके साथ ही केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बच्चों की मौत के कारणों की पड़ताल के लिए विशेषज्ञों की टीम कोटा भेज रही है।

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हर्षवर्धन ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को एक पत्र भी लिखा है, जिसमें उन्होंने कोटा के जेके लोन हास्पीटल (JK Lon hospital) में बच्चों की मौत रोकने के लिए जरूरी कदम उठाने को कहा है और इसके लिए केंद्र की ओर से सभी तरह की तकनीकि व अन्य सहायता उपलब्ध कराने का भरोसा दिया है।

हर्षवर्धन ने लिखा कि 'हम हर तरह की तकनीकी या अन्य सहायता देने को तैयार हैं। हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि इलाज या सिस्टम की कमियों से किसी बच्चे की जान नहीं जाए।' हर्षवर्धन ने ट्वीट कर जानकारी दी कि एम्स जोधपुर के विशेषज्ञ डाक्टरों की टीम शुक्रवार को कोटा पहुंच जाएगी। इस टीम में जयपुर स्थित स्वास्थ्य सेवाएं के क्षेत्रीय निदेशक भी होंगे। विशेषज्ञों की यह टीम बच्चों की मौत के असली कारण जानने का प्रयास करेगी और यह पता लगाने की कोशिश करेगी कि अस्पताल की आधारभूत जरूरतों में कितनी कमी है, जिसे दूर करने से बच्चों को उचित इलाज मिल सकेगा और इसमें कितना खर्च आएगा।

वहीं स्वास्थ्य मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों का कहना है कि शुरूआती जांच में पता चला है कि अस्पताल का 70 फीसदी जरुरी उपकरण, जिनमें नवजात बच्चों के लिए जरूरी ऑक्सीमीटर, वार्मर्स, इनफ्यूजन पंप्स, नेबुलाइजर्स आदि काम नहीं कर रहे हैं। यही नहीं, वहां बाल चिकित्सा विभाग में स्टाफ की भी कमी है। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ सालों में इस अस्पताल में बच्चों की मौत में बढ़ोतरी देखी गई है। दो साल पहले जहां इस अस्पताल में भर्ती होने वाले बच्चों में से 14.3 फीसदी की मौत हो जाती थी, वहीं 2019 में यह बढ़कर 20.2 फीसदी हो गई। यानी 2019 में इस अस्पताल में भर्ती होने वाले हर पांचवें बच्चे की मौत हो गई।

हर्षवर्धन के अनुसार उन्होंने अशोक गहलोत को यह भी बताया कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत 2019-20 के लिए जेके लोन अस्पताल के लिए 91.7 लाख रुपये की अग्रिम सहायता जारी की जा चुकी है। मिशन के तहत कोटा जिले को 27.45 करोड़ की सहायता भेजी जा चुकी है। हर्षवर्धन ने कहा कि यदि राजस्थान को स्वास्थ्य मिशन के तहत अतिरिक्त केंद्रीय सहायता की जरूरत है, तो राज्य सरकार इसके लिए प्रस्ताव भेज सकती है। केंद्र सरकार उस पर विचार करने के लिए तैयार है।


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