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इंदौर के आठ मंदिरों की संपत्ति को प्रशासन ने अपने कब्जे में लिया, जारी रहेगा दान और दर्शन

जिन मंदिरों को प्रशासन ने शासन के अधीन लिया है उनमें पूजा-पाठ और दर्शन पहले की तरह जारी रहेंगे। दानपेटियों को सील किया गया है लेकिन दानदाता दान कर सकेंगे। दर्शनार्थियों पर इस कार्रवाई का कोई असर नहीं होगा। मंदिर के सारे कार्यक्रम यथावत रहेंगे।

By Manish PandeyEdited By: Published: Wed, 14 Oct 2020 09:40 AM (IST)Updated: Wed, 14 Oct 2020 09:40 AM (IST)
इंदौर के आठ मंदिरों की संपत्ति को प्रशासन ने अपने कब्जे में लिया, जारी रहेगा दान और दर्शन
इंदौर के आठ मंदिरों की संपत्ति को प्रशासन ने कब्जे में लिया।

इंदौर, जेएनएन। मध्य प्रदेश के इंदौर में देवी अहिल्याबाई होलकर चैरिटेबल ट्रस्ट (खासगी) के आठ मंदिरों की संपत्ति को मंगलवार को प्रशासन के अलग-अलग दलों ने अपने कब्जे में ले लिया है। बिजासन मंदिर में प्रशासन की ओर से पहले से दो दानपेटी लगी हुई है, लेकिन मंदिर में पुजारियों की तरफ से एक और दानपेटी रखी गई थी, जिसे सील कर दिया गया है। मंदिर के बाहर दो अन्य दान पेटियां भी रखी गई थी। प्रशासनिक अमले ने इन्हें भी सील करना चाहा, लेकिन पुजारियों के विरोध के कारण नहीं कर पाए।

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इससे पहले प्रशासनिक दल ने आड़ा बाजार के सत्यनारायण मंदिर पहुंचकर उसे अपने कब्जा लिया। यहां भगवान विष्णु और देवियों के चांदी के छह मुकुट मिले। इसके अलावा कानों के अन्य आभूषण भी पाए गए। कब्जा लेने से पहले सभी सामग्री का पंचनामा बनाया गया और मंदिरों में शासन की संपत्ति होने का बोर्ड भी लगाए गए।

राजवाड़ा स्थित महालक्ष्मी मंदिर पर भी कब्जा लेने की कार्रवाई की गई। यहां भी दान पेटी को सील कर दिया गया है। मंगलवार को संयुक्त कलेक्टर और एसडीएम राजेश राठौर के नेतृत्व में राजस्व निरीक्षकों और पटवारियों के दलों ने यह पूरी कार्रवाई की। इससे पहले कृष्णपुरा में पट्टाभिराम मंदिर, छत्रीबाग बारादरी में श्रीराम मंदिर, सुभाष मार्ग पर मारुति मंदिर, बाणेश्वर कुंड के श्रीराम मंदिर और कृष्णपुरा में संगमेश्वर महादेव मंदिर का भौतिक सत्यापन और कब्जा लेने की कार्रवाई की। हरसोला में भी मंदिर की तीन हेक्टेयर जमीन कब्जे में ली गई है। अधिकारियों के मुताबिक सुभाष मार्ग स्थित मारुति मंदिर की कुछ जमीन सड़क चौड़ीकरण में चली गई है।

जारी रहेगा दान और दर्शन

जिन मंदिरों को प्रशासन ने शासन के अधीन लिया है, उनमें पूजा-पाठ और दर्शन पहले की तरह जारी रहेंगे। दानपेटियों को सील किया गया है, लेकिन दानदाता दान कर सकेंगे। दर्शनार्थियों पर इस कार्रवाई का कोई असर नहीं होगा। मंदिर के सारे कार्यक्रम यथावत रहेंगे।

मनीष सिंह, कलेक्टर

हाई कोर्ट के आदेश और शासन के निर्देश के बाद प्रशासन द्वारा इंदौर जिले में खासगी ट्रस्ट की विभिन्न संपत्तियों के भौतिक सत्यापन के साथ उन पर शासन का कब्जा लेने का काम जारी है।


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