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भारत-पाक एनएसए वार्ता: बात बनेगी कम बिगड़ेगी ज्यादा

भारत और पाकिस्तान के बीच शीर्षस्तरीय बातचीत बगैर किसी नाटकीयता के संपन्न हो जाए, ऐसा पहले भी कभी नहीं हुआ। लेकिन इस बार स्थिति कुछ ज्यादा नाटकीय है। रविवार को दोनों मुल्कों के बीच प्रस्तावित राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) स्तरीय बातचीत के पहले अलगाववादी हुर्रियत नेताओं से मुलाकात को लेकर

By Sachin BajpaiEdited By: Published: Thu, 20 Aug 2015 10:12 PM (IST)Updated: Fri, 21 Aug 2015 02:06 AM (IST)
भारत-पाक एनएसए वार्ता: बात बनेगी कम बिगड़ेगी ज्यादा

नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। भारत और पाकिस्तान के बीच शीर्षस्तरीय बातचीत बगैर किसी नाटकीयता के संपन्न हो जाए, ऐसा पहले भी कभी नहीं हुआ। लेकिन इस बार स्थिति कुछ ज्यादा नाटकीय है। रविवार को दोनों मुल्कों के बीच प्रस्तावित राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) स्तरीय बातचीत के पहले अलगाववादी हुर्रियत नेताओं से मुलाकात को लेकर अड़े पाकिस्तान ने जटिल स्थिति बना दी है। हालात ये हैं कि पाकिस्तान वार्ता के लिए तैयार नहीं है तो भारत में भी कोई उत्साह नहीं है। पाकिस्तान की भरसक कोशिश है कि बातचीत न हो और भारत चाहता है कि बातचीत टालना है तो इसकी जिम्मेदारी पाक के सिर हो। ऐसे माहौल में बैठक करने से बात बनने की कम और बिगडऩे की आशंका ज्यादा है।

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भारत-पाक के बीच रविवार को प्रस्तावित एनएसए स्तरीय बातचीत को लेकर बृहस्पतिवार को दिन भर आशंका का माहौल रहा। पाकिस्तान के एनएसए सरताज अजीज की हुर्रियत नेताओं से मुलाकात की तैयारी के बाद से ही राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और अजीज के बीच बातचीत को लेकर आशंंका उठने लगी है। पाकिस्तान का विदेश मंत्रालय अभी भी इस बात पर अडिग है कि इस तरह की मुलाकात की परंपरा पहले से चली आ रही है। जबकि भारतीय विदेश मंत्रालय इस पर चुप्पी साधे हुए है। ऐसे में एनएसए स्तर की बातचीत के टाले जाने की आशंका बढ़ गई है। बस सवाल यह है कि इसका फैसला कौन करता है।

भारत नहीं करेगा वार्ता स्थगित करने की पहल

भारत ने साफ कर दिया है कि वार्ता स्थगित करने की पहल वह नहीं करेगा। पहली बार दोनों देश सीधे तौर पर आतंक पर बातचीत करेंगे। इसलिए भारत की भरसक कोशिश है कि बातचीत जरूर हो। संचार व सूचना-प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा, 'इस बैठक का एकमात्र एजेंडा आतंक और इसे रोकने के उपाय करना है। भारत इस एजेंडे पर कायम है। यह एजेंडा दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों के बीच हुई बातचीत में तय हुआ था।'

आज शाम तक स्पष्ट होंगे हालात

वार्ता में अब बस दो दिन बचे हैं। उम्मीद की जा रही है कि अंतरराष्ट्रीय दबाव में पाकिस्तान शायद मजबूर होकर वार्ता की टेबल पर आए। अगर बातचीत हुई तो उन्हें आतंकी भूमिकाओं में पाकिस्तान की सरजमीं के दुरुपयोग का पूरा कच्चा-चिट्ठा पकड़ा दिया जाएगा। अगर पाकिस्तान पीछे हटता है तो फिर अंतरराष्ट्रीय समुदाय को यह भी स्पष्ट होगा कि पाक दो प्रधानमंत्रियों के बीच हुए समझौते को भी मानने से इन्कार कर रहा है। शुक्रवार की शाम तक पूरे मसले से असमंजस के बादल छंटने के आसार हैं।

हुर्रियत नेता दो घंटे नजरबंद कर छोड़े गए

बृहस्पतिवार को पाकिस्तान को कड़ा जवाब देते हुए पहले जम्मू-कश्मीर सरकार ने सैयद अली शाह गिलानी, उमर फारूक समेत सभी बड़े हुर्रियत नेताओं को दो घंटे के लिए नजरबंद कर दिया। माना जा रहा है कि इसके जरिए भारत ने पाक को यह दो टूक जवाब दिया है कि उसे हुर्रियत नेताओं से मुलाकात पर नरमी दिखानी होगी। अब शायद दोनों पक्षों के बीच इस बात को लेकर विचार-विमर्श हो रहा है कि एनएसए वार्ता के बाद पाकिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार सरताज अजीज की मुलाकात हुर्रियत नेताओं से करवाई जाए। हालांकि पाकिस्तान इसके लिए अभी तक तैयार नहीं दिख रहा है।

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