सीमा पर तनाव को लेकर उच्चस्तरीय बैठक
सीमा पर लगातार जारी पाकिस्तान फायरिंग पर शुक्रवार को गृह मंत्रालय ने एक उच्चस्तरीय बैठक की। बैठक में गृह राज्यमंत्री, सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल समेत बीएसएफ के डीजी भी मौजूद थे। गौरतलब है कि पाकिस्तान की ओर से पिछले कुछ दिनों से सीमा पर लगातार फायरिंग की जा रही है। जिसका भारतीय सेना भी करारा जवाब दे रह
नई दिल्ली। सीमा पर लगातार जारी पाकिस्तान फायरिंग पर शुक्रवार को गृह मंत्रालय ने एक उच्चस्तरीय बैठक की। बैठक में गृह राज्यमंत्री, सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल समेत बीएसएफ के डीजी भी मौजूद थे।
गौरतलब है कि पाकिस्तान की ओर से पिछले कुछ दिनों से सीमा पर लगातार फायरिंग की जा रही है। जिसका भारतीय सेना भी करारा जवाब दे रही है। इस फायरिंग में दोनों तरफ के कई लोग मारे जा चुके हैं। बृहस्पतिवार को भारत ने इस मामले में पाकिस्तान को कड़ी चेतावनी दे दी थी। जिसके बाद बृहस्पतिवार रात फायरिंग पाकिस्तान की तरफ से फायरिंग नहीं की गई थी। परंतु आज तड़के एक बार फिर से पाकिस्तान ने बीएसएफ की चार चौकियों को निशाना बनाकर फायरिंग शुरू कर दी। यह चारों चौकियां कठुआ जिले में आती हैं।
इससे पहले बृहस्पतिवार को गृह मंत्री राजनाथ सिंह और रक्षा मंत्री अरुण जेटली ने पाकिस्तानी को दो टूक चेतावनी देते हुए आगाह किया था कि उसका दुस्साहस बंद न हुआ तो कीमत महंगी पड़ेगी। रक्षा मंत्री अरुण जेटली ने पाकिस्तानी कार्रवाई को हमलावर करार देते हुए कहा, भारत अपनी जमीन की हिफाजत भली-भांति कर सकता है। अगर पाकिस्तान अपने दुस्साहस से बाज नहीं आता तो उसके लिए इसकी कीमत बहुत महंगी होगी। गोलाबारी को आक्रामक कार्रवाई बताते हुए उन्होंने कहा, यह उकसावे का कदम है। बीते कुछ दिनों में संघर्ष विराम उल्लंघन की घटनाएं ज्यादातर भारत-पाक के बीच अंतरराष्ट्रीय सीमा पर हुई जबकि इसको लेकर कोई विवाद नहीं है। जेटली का कहना था कि भारत कभी आक्रामक नहीं रहा, लेकिन यह उसका दायित्व है कि वह अपनी भूमि और लोगों की हिफाजत करे। इसके लिए सेना और बीएसएफ के पास एक ही विकल्प है कि वे कड़ाई से जवाब दें।
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