निम्न स्तर पर पहुंचा भारत-पाक राजनयिक उत्पीड़न विवाद
भारत का आरोप है कि इस्लामाबाद में उसके अधिकारियों के कारों को बहुत ही खतरनाक तरीके से ओवरटेक किया गया।
जयप्रकाश रंजन, नई दिल्ली। दुनिया के दूसरे देशों के बीच भी राजनयिकों को परेशान करने के सामने आते हैं लेकिन पिछले तीन हफ्तों से जैसे आरोप भारत और पाकिस्तान एक दूसरे पर लगा रहे हैं वैसा उदाहरण शायद ही किसी अन्य देशों में देखा गया हो। मसलन, दोनों देशों ने एक दूसरे पर आरोप लगाये हैं कि उनके उच्चायोग के उच्चाधिकारियों के घर के दरवाजे सुबह तीन बजे खटखटाए गये हैं। पाकिस्तान का कहना है कि उसके नई दिल्ली स्थित उच्चायोग में काम करने वाले एक अधिकारी के परिवार को बाजार में कई लोगों ने घेर कर अपमानजनक बातें कही। भारत का आरोप है कि इस्लामाबाद में उसके अधिकारियों के कारों को बहुत ही खतरनाक तरीके से ओवरटेक किया गया।
भारतीय विदेश मंत्रालय से जुड़े लोग बता रहे हैं कि पिछले एक पखवाड़े से इस्लामाबाद में उनके उच्चायोग के अधिकारियों के साथ जिस तरह से व्यवहार किया गया है वैसा पहले कभी नहीं किया गया। तब भी नहीं जब दोनों देशों के बीच युद्ध हो रहे थे। हालात यह हो गई है कि पिछले दस दिनों से उच्चायोग के अधिकारी बाहर निकलते नहीं है कि उनका पीछा करना शुरु हो जाता है। उच्चायोग के लोगों के लिए खरीददारी करना और दूसरे राजनयिकों के साथ बैठक करने जैसी सामान्य काम भी मुश्किल हो गये हैं।
विगत सोमवार को उच्चायोग के दो अधिकारी जैसे ही साफा गोल्ड माल जाने के लिए निकले उनके पीछे टोयोटा कैरोला पीछे लगा दी गई। इसमें बैठे दोनो स्थानीय लोग थे जो उक्त अधिकारियों के गाड़ी के बिल्कुल पीछे अपनी गाड़ी चला रहे थे। इसके बाद मंगलवार को उप उच्चायुक्त व उच्चायोग में कार्यरत भारतीय सेना, वायु सेना व नौ सेना के उच्च अधिकारी का मोटरसाइकल से पीछे किया गया। एक अधिकारी को राजनयिक क्षेत्र में ही रोक कर परेशान किया गया। इसके अलावा स्थानीय फोन नंबर से दिन पर उच्चायोग में कॉल करके भी परेशान किया जा रहा है। उच्चायोग की इंटरनेट सेवा को बाधित किया जा रहा है।
भारत की तरह ही पाकिस्तान की तरफ से भी लगातार यह आरोप लगाये जा रहे हैं कि उनके उच्चायोग के अधिकारियों को नई दिल्ली में परेशान किया जा रहा है। इसका हवाला देते हुए ही पाक सरकार ने यहां से अपने उच्चायुक्त सोहेल महमूद को कुछ दिनों के लिए बुला लिया था। पाक का भी आरोप है कि उनके उच्चायोग में कार्यरत अधिकारियों के परिवार के लोगों को दिल्ली में परेशान किया जा रहा है। इस क्रम में दिल्ली के चाणक्य पुरी का उदाहरण दिया गया जहां अधिकारियों के परिवारों को कुछ लोगों ने मोटरसाइकिल से पीछा किया और उनकी तस्वीर खींचने की कोशिश की। इसके बाद पाकिस्तान विदेश मंत्रालय ने यहां तक कहा कि वह अपने अधिकारियों के परिवारों को नई दिल्ली से बुलाने पर विचार कर रही है। दूसरी तरफ भारत का कहना है कि रोजाना होने वाले उत्पीड़न पर उसकी तरफ से सारी जानकारी स्थानीय अधिकारियों को दी जाती है लेकिन कोई असर नहीं हो रहा है।
पाक उच्चायुक्त महमूद गुरुवार को देर शाम नई दिल्ली लौट आये हैं। शुक्रवार को उन्होंने पाकिस्तान दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में हिस्सा लिया है। पत्रकारों से अनौपचारिक बातचीत में उन्होंने कहा है कि राजनयिक उत्पीड़न पर उनकी बात अपनी सरकार से हुई है और पाकिस्तान सरकार इस पूरे मुद्दे को जल्द से जल्द समाधान करना चाहती है। अब देखना है कि कब इस बारे में दोनो देशों के बीच सहमति बन पाती है।