बालासोर फायरिंग रेंज में फिर गूंज उठे स्वदेशी धनुष तोप के धमाके
स्वदेशी तोप ने आग उगली और गोला निशाने पर पहुंचते ही सैकड़ों फीट ऊपर तक पानी उछल पड़ा। इस तोप के लाजवाब प्रदर्शन से जवान बेहद उत्साहित हैं।
जबलपुर, राज्य ब्यूरो। ओडिशा प्रांत के चांदीपुर जिले की बालासोर फायरिंग रेंज में जबलपुर की गन कैरिज फैक्ट्री (जीसीएफ) में स्वदेशी तकनीक से बनाई गई धनुष तोप (155 एमएम 45 कैलिबर गन) के धमाके गूंजे। हाल ही में सेना के जवानों ने इस पूरी तरह से स्वचालित तोप से पांच से 39 किमी का लक्ष्य साधकर समुद्र के किनारे करीब 40 फायर किए। इसमें स्वदेशी तोप ने आग उगली और गोला निशाने पर पहुंचते ही सैकड़ों फीट ऊपर तक पानी उछल पड़ा। इस तोप के लाजवाब प्रदर्शन से जवान बेहद उत्साहित हैं।
बालासोर फायरिंग रेंज में धनुष तोप के कई परीक्षण
बालासोर फायरिंग रेंज में 20 मार्च से धनुष तोप का परीक्षण शुरू हुआ। इस रेंज में समुद्र तट पर ज्वार-भाटा की स्थिति में पानी के उतार-चढ़ाव के बीच तोप का परीक्षण किया गया। सैन्य अफसरों के निर्देश पर रेंज में 20 मार्च को लगाई गई तोप से सुबह 11 बजे फायरिंग शुरू की गई। पहली तोप से लगातार आठ राउंड फायर किए। इसके बाद दोपहर तीन बजे से दोनों तोपों द्वारा फायर किए गए। दोनों तोपों ने बेहतरीन प्रदर्शन किया। इस तरह कई परीक्षण किए गए।
जनता कर्फ्यू के कारण 22 मार्च को नहीं हो सका था फायरिंग टेस्ट
सूत्र बताते हैं कि बालासोर रेंज में 22 मार्च को सुबह 11 बजे से शाम पांच बजे के बीच दो तोपों का फायरिंग टेस्ट एक साथ किया जाना था, लेकिन इसी दिन कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने कर्फ्यू लगा दिया गया इसलिए सैन्य प्रशासन ने 22 मार्च की तय फायरिंग को फिलहाल स्थगित कर दिया था। जीसीएफ ने तीसरी तोप भी भेजी उधर, बालासोर रेंज में धनुष तोप की फायरिंग शुरू होने की खबर जीसीएफ के अधिकारियों को दी गई। यह खबर मिलते ही जीसीएफ प्रशासन ने तीसरी तोप और कर्मचारियों के दल को जबलपुर से चांदीपुर के लिए रवाना कर दिया। यह तीसरी तोप मंगलवार शाम तक पहुंचने की उम्मीद है। जहां फायरिंग में समय लगने की संभावना बनी तो जीसीएफ का अमला लौट आएगा।