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स्वदेशी कंपनियों और सेनाओं को मिलेगा लाभ : डीआरडीओ

रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) के अध्यक्ष जी. सतीश रेड्डी ने कहा है कि अब स्वदेशी कंपनियों और सेनाओं को बराबर का फायदा होगा।

By Shashank PandeyEdited By: Published: Fri, 03 Jul 2020 07:37 AM (IST)Updated: Fri, 03 Jul 2020 07:37 AM (IST)
स्वदेशी कंपनियों और सेनाओं को मिलेगा लाभ : डीआरडीओ
स्वदेशी कंपनियों और सेनाओं को मिलेगा लाभ : डीआरडीओ

नई दिल्ली,आइएनएस। रक्षा खरीद को मंजूरी मिलने और देश की कंपनियों और संगठनों को तरजीह मिलने पर रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) के अध्यक्ष जी. सतीश रेड्डी ने कहा कि इससे स्वदेशी कंपनियों और सेनाओं को बराबर का फायदा होगा। उन्होंने बताया कि हवा से हवा मार करने वाली मिसाइल अस्त्र, पिनाक मिसाइल सिस्टम, जमीन पर मार करने वाली क्रूज मिसाइल को डीआरडीओ ने विकसित किया है। ये मिसाइल सभी मौसम में और दिन रात कभी भी इस्तेमाल किए जा सकते हैं। पिनाक मिसाइल सिस्टम में राकेट, मल्टी बैरल राकेट लांचर, बैट्री कमांड पोस्ट, लोडर कम रिपलेनिसमेंट व्हेकिल और डिजीकोरा मेट राडार शामिल है।

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HAL से खरीदें जाएंगे 12 सुखोई लड़ाकू फाइटर जेट

भारतीय वायुसेना के बेड़े की संख्या बढ़ाते हुए इसकी ताकत में इजाफा करने के लिए 12 सुखोई लड़ाकू फाइटर जेट हिन्दुस्तान एयरनॉटिक्स लिमिटेड से खरीदा जाएगा। रूस के साथ टेक्नोलॉजी ट्रांसफर समझौते के तहत एचएएल देश में ही सुखोई-30 का निर्माण करता है और मौजूदा समय में यह भारतीय वायुसेना का सबसे ताकतवर लड़ाकू विमान है। 12 सुखोई विमानों की खरीद पर 10,730 करोड़ रुपये खर्च होंगे। रॉफेल ही सुखोई से अगले जेनरेशन का फाइटर जेट होगा। जबकि 21 मिग-29 लड़ाकू विमान रुस से तत्काल खरीदा जाएगा।

इतना ही नहीं पूर्वी और पश्चिमी दोनों मोर्चो पर जंग की चुनौती (टू फ्रंट वार) को देखते हुए डीएसी ने वायुसेना के मिग-29 विमानों के मौजूदा बेडे़ के 59 लड़ाकू विमानों को आधुनिकीकरण के प्रस्ताव पर भी मुहर लगा दी है। डीएससी रक्षा मंत्रालय की रक्षा खरीद सौदों को मंजूरी देने वाली सर्वोच्च इकाई है। नये लड़ाकू जेट की खरीद और मिग-29 के आधुनिकीकरण के साथ फ्रांस से आने वाले राफेल फाइटर जेट वायुसेना की मारक क्षमता को नई छलांग देंगे। 21 नये मिग-29 की खरीद और 59 के आधुनिकीकरण पर 7,418 करोड रुपये खर्च होंगे। चीन के साथ तनातनी के परिप्रेक्ष्य का जिक्र किए बिना रक्षा मंत्रालय ने रक्षा खरीद के इस फैसले को सही ठहराया। 


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