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जो बदलाव मारुति से आटोमोबाइल में हुआ, बुलेट ट्रेन से रेलवे में होगा : गोयल

रेलमंत्री ने गिनाई मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट की खूबियां..

By Gunateet OjhaEdited By: Published: Mon, 11 Sep 2017 10:30 PM (IST)Updated: Mon, 11 Sep 2017 10:30 PM (IST)
जो बदलाव मारुति से आटोमोबाइल में हुआ, बुलेट ट्रेन से रेलवे में होगा : गोयल
जो बदलाव मारुति से आटोमोबाइल में हुआ, बुलेट ट्रेन से रेलवे में होगा : गोयल

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। बुलेट ट्रेन भारतीय रेलवे में वह परिवर्तन लेकर आएगी जो मारुति कार ऑटोमोबाइल क्षेत्र में लेकर आई थी। इस कदम से रेलवे का कायाकल्प हो जाएगा। ये बात रेलमंत्री पीयूष गोयल ने कही। वे मंुबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन परियोजना के बारे में बात कर रहे थे। दो दिन बाद इस परियोजना का निर्माण प्रारंभ हो जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 14 सितंबर को अहमदाबाद के साबरमती में जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे के साथ इस प्रोजेक्ट का भूमि पूजन करने जा रहे हैं।

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पीयूष गोयल ने संवाददाता सम्मेलन में परियोजना की खूबियों पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि मारुति कार आने के बाद तीस साल में भारत का आटोमोबाइल क्षेत्र एकदम बदल गया। इसी तरह का परिवर्तन बुलेट ट्रेन आने के बाद रेलवे में दिखाई देगा। मारुति से शुरुआत होने के बाद अब भारत की सड़कों पर एक से बढ़कर एक आधुनिक कार दिखाई देती है। परंतु रेलवे में ऐसा नहीं हुआ। वह आज भी पुरानी तकनीक पर चल रही है। यही वजह है कि प्रधानमंत्री मोदी ने आते ही देश में बुलेट ट्रेन लाने का निश्चय किया। ताकि रेलवे में भी नई से नई तकनीक आ सके। बुलेट ट्रेन आने से रेलवे में बड़े परिवर्तन देखने को मिलेंगे। इससे आधुनिक तकनीक आने के साथ अर्थव्यवस्था को लाभ के साथ रोजगार के लाखों नए अवसर पैदा होंगे।

रेलमंत्री ने कहा कि एक बार बुलेट ट्रेन आने से रेलवे में एक नया नजरिया पैदा होगा। भारत बुलेट ट्रेन की लागत कम कर विदेशों में उसका निर्यात कर सकता है। इससे अन्य ट्रेनों की रफ्तार बढ़ाने तथा उन्हें सुरक्षित चलाने की प्रेरणा भी मिलेगी। क्योंकि आज तक एक भी दुर्घटना न होने के कारण जापानी शिंकांशेन बुलेट ट्रेन तकनीक विश्र्व में सर्वाधिक सुरक्षित मानी जाती है।

गोयल के मुताबिक प्रधानमंत्री मोदी के प्रभाव के कारण भारत को बुलेट ट्रेन के लिए 0.1 फीसद की नगण्य ब्याज दर पर कर्ज मिला है। यह अनुदान जैसा ही है। पचास सालों में शायद ही किसी परियोजना के लिए इतनी सस्ती दर पर ऋण मिला होगा। इस कारण बुलेट ट्रेन की लागत काफी कम होगी। आगे चल कर जब कई बुलेट ट्रेन परियोजनाएं बनेंगी तो लागत और घटेगी। उसी तरह जिस तरह एलईडी बल्बों की लागत घटी है।

गोयल ने कहा कि वैसे तो परियोजना को 2023 में पूरा होना है। लेकिन भारतीय इंजीनियरों की कार्यकुशलता को देखते हुए मुझे भरोसा है कि हम इसे 2022 में ही पूरा करने में कामयाब हों जाएंगे।

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