भारत के मंगल यान ने पास किया अहम लांच परीक्षण
भारत के महत्वाकांक्षी मंगल अभियान की तैयारियां अपने अंतिम चरण में है। 21 अक्टूबर को श्रीहरिकोटा केंद्र से प्रक्षेपित होने वाले मंगल यान ने अपने पेलोड्स (वैज्ञानिक उपकरण) के साथ अहम लांच परीक्षण थर्मो वैक्यूम टेस्ट सफलतापूर्वक पास कर लिया है। कृत्रिम अंतरिक्ष वातावरण तैयार कर इस परीक्षण को किया गया। इस
बेंगलूर। भारत के महत्वाकांक्षी मंगल अभियान की तैयारियां अपने अंतिम चरण में है। 21 अक्टूबर को श्रीहरिकोटा केंद्र से प्रक्षेपित होने वाले मंगल यान ने अपने पेलोड्स (वैज्ञानिक उपकरण) के साथ अहम लांच परीक्षण थर्मो वैक्यूम टेस्ट सफलतापूर्वक पास कर लिया है। कृत्रिम अंतरिक्ष वातावरण तैयार कर इस परीक्षण को किया गया। इस महीने के अंत में यान को श्रीहरिकोटा केंद्र ले जाने से पूर्व दो और परीक्षणों से गुजरना होगा।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के चेयरमैन के राधाकृष्णन के अनुसार मंगल यान को पीएसएलवी-सी25 से प्रक्षेपित किया जाएगा। रॉकेट से यान को दस अक्टूबर को जोड़ दिया जाएगा। इसरो प्रमुख का कहना था कि 1350 किलोग्राम भार वाला यान अपने साथ 15 किलोग्राम वजन का पेलोड लेकर रवाना होगा। श्रीहरिकोटा से रवानगी के बाद मंगल यान 19 नवंबर तक धरती की कक्षा में रहेगा। इसके बाद वह गहरे अंतरिक्ष में दस महीने तक चक्कर काटते हुए सितंबर 2014 तक लाल ग्रह की 80,000 किमी लंबी कक्षा में प्रवेश करेगा। बकौल राधाकृष्णन, '450 करोड़ रुपये लागत वाले मंगल अभियान का मूल मकसद लाल ग्रह पर जीवन की संभावना तलाशना, वहां की तस्वीरें लेना और वहां के वातावरण का अध्ययन करना है।' इसरो प्रमुख के मुताबिक, 'अभियान के दौरान हम मंगल ग्रह के वातावरण में ड्यूटेरियम-हाईड्रोजन के सटीक अनुपात के बारे में भी जानकारी हासिल करने की कोशिश करेंगे।'
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