नाराज अफगान सरकार को भारत की सलाह- 'पानीपत' फिल्म है, फिल्म ही मानें
फिल्म पानीपत को लेकर नई दिल्ली स्थित अफगानिस्तान के राजदूत ने सूचना व प्रसारण मंत्री प्रकाश जावडेकर से समय मांगा है।
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। बालीवुड फिल्म पानीपत में अफगानी शासक अहमद शाह अब्दाली के चरित्र चित्रण पर गुस्सा दिखा रहे अफगानिस्तान सरकार को भारत ने एक अहम सलाह दी है। सलाह यह है कि पानीपत एक फिल्म है और इसे फिल्म के तौर पर ही लें, यथार्थ नहीं माने।
पानीपत को लेकर नई दिल्ली स्थित अफगानिस्तान के राजदूत ने सूचना व प्रसारण मंत्री प्रकाश जावडेकर से समय मांगा है। अफगानिस्तानी दूतावास की तरफ से जावडेकर को पत्र लिख कर भारतीय फिल्मों में अफगानिस्तानी शासकों को गलत तरीके से पेश करने का आरोप लगाया है और कहा है कि इससे दोनो देशों के लोगों के बीच मौजूदा भाईचारे को नुकसान पहुंचा सकता है। अफगानिस्तान के दूतावास ने भारत के सूचना व प्रसारण मंत्री से मिल कर अपनी बात रखने के लिए समय मांगा है।
उधर, भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने एक बालीवुड फिल्म पर ऐतराज जता रहे अफगानिस्तान सरकार के प्रतिनिधियों को कहा है कि, ''वह फिल्म को फिल्म के तौर पर ही लें। अगर बालीवुड की फिल्मों को सच्चाई मान कर चलेंगे तो दिक्कत होगी।'' सूत्रों की मानें तो अगर अफगानिस्तान दूतावास के अधिकारी मिलने भी आते हैं तो उन्हें यही बात बताई जाएगी कि भारत सरकार का इस फिल्म निर्माण से कोई लेना देना नहीं है। अगर उनको किसी प्रकार की आपत्ति है तो वह सेंसर बोर्ड से संपर्क कर सकते हैं। इस बारे में उन्हें जो भी सहयोग चाहिए वह दिया जाएगा।
पानीपत फिल्म प्रख्यात निर्माता निर्देशक आशुतोष गोवाडिकर ने बनाई है जो वर्ष 1791 की मराठा शासकों और अफगानिस्तान के दुर्रानी शासकों के बीच हुए जंग के बारे में है। इसे इतिहास में पानीपत की तीसरी लड़ाई के नाम से भी जाना जाता है। अफगास्तिान के शासक अहमद शाह अब्दाली की भूमिका संजय दत्त ने निभाई है। इसी हफ्ते इसका ट्रेलर जारी किया गया है और जिस दिन इसका ट्रेलर जारी हुआ है उसी दिन से अफगानिस्तान की तरफ से इसमें अब्दाली के चरित्र चित्रण पर सवाल उठाये जा रहे हैं। अफगानिस्तान के मीडिया में यह बड़ा मुद्दा बना हुआ है।