वुहान से आज वापस लाए जाएंगे भारतीय, वायरस की जांच के लिए खोले जाएंगे 11 लैब
सरकार की असली परीक्षा चीन से भारतीयों को स्वदेश लाने के बाद होगी। वैसे कोरोना वायरस संक्रमण से ग्रसित एक भारतीय की सूचना आने के बाद सरकार ज्यादा सतर्क हो गई है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। प्राणघातक कोरोना वायरस के केंद्र बने हुबेई प्रांत भारतीयों को स्वदेश लाने का काम शुक्रवार को शुरु हो जाएगा। भारतीयों को निकालने संबंधी प्रस्ताव को चीन ने मंजूरी दे दी है। हुबेई प्रांत में कम से कम 600 भारतीयों के होने की खबर है और विदेश मंत्रालय इन सभी से संपर्क करने की कोशिश में है। जो भी भारत आना चाहता है उसे फिलहाल स्वदेश लाया जाएगा। सबसे पहले हुबेई की राजधानी वुहान और इसके आस पास के इलाकों से भारतीयों को निकाला जाएगा। इनमें से ज्यादा छात्र हैं जो वहां फंसे हुए हैं।
विदेश मंत्रालय के सूत्रों ने बताया कि भारत सरकार अभी सभी नागरिकों को चीन से स्वदेश लाने को तैयार है लेकिन इस प्रक्रिया में कई वजहों से विलंब हो रहा है। सबसे पहले तो हमें अपने नागरिकों को पहचान करने में ही काफी समय लग रहा है।
जरूरत पड़ी तो दूसरा विमान भी जाएगा वुहान
मसलन, हुबेई प्रांत में हमेशा ही 1200 भारतीय रहते हैं लेकिन अभी तक हम 600 भारतीयों से ही संपर्क साध पाये हैं। कुल कितने भारतीय वहां हैं, इसका निश्चित आंकड़ा नहीं निकल पाया है। इसके बाद उन्हें ही निकाला जाएगा जो वहां से आने को इच्छुक हो। साथ ही हमें चीन की सरकार की तरफ से भी अनुमति का इंतजार है। लेकिन हम उम्मीद है कि वुहान व इसके आस पास के इलाकों में रहने वाले भारतीयों को लेकर पहला विमान शुक्रवार देर शाम तक भारत आ जाएगा। अगर जरुरत पड़ी दो दूसरा विमान भी इस्तेमाल किया जाएगा।
सरकार पहले से ज्यादा सतर्क
सरकार की असली परीक्षा चीन से भारतीयों को स्वदेश लाने के बाद होगी। वैसे कोरोना वायरस संक्रमण से ग्रसित एक भारतीय की सूचना आने के बाद सरकार ज्यादा सतर्क हो गई है। कैबिनेट सचिव राजीव गौबा की अध्यक्षता में उच्चस्तरीय समिति ने स्वेदश आने वाले भारतीयों की जांच पड़ताल और उन्हें अलग रखने की व्यवस्था आदि की समीक्षा की। बैठक में गुरुवार से ही देश में पांच और ऐसे लैब की शुरु करने की जानकारी दी गई जहां इस वायरस की जांच हो सकेगी।
यहां-यहां बनाई गईं हैं लैब
ये लैब एनआइवी बंगलुरु, विक्टोरिया होस्पिटल कैंपस (बंगलुरु), एम्स (नई दिल्ली), एनसीडीसी (नई दिल्ली), कस्तूरबा गांधी होस्पिटल (मुंबई) और एनआइवी (केरल) हैं। जबकि शुक्रवार से छह और लैब में भी वायरस की जांच की शुरुआत हो जाएगी। इसमें आइसीएमआर (कोलकाता), जीएमसी (सिकंदराबाद), केजीएमयू (लखनऊ), एसएमएस (जयपुर), आइजीजीएमसी (नागपुर) और केआइएमपीआर (चेन्नई) शामिल है।
रोजाना हो रही उच्चस्तरीय बैठक
गौबा की अध्यक्षता में रोजाना एक उच्चस्तरीय बैठक होती है जिसमें स्वास्थ्य मंत्रालय, नागरिक विमानन मंत्रालय, विदेश मंत्रालय, गृह मंत्रालय, रक्षा मंत्रालय, सूचना व प्रसारण मंत्रालय के अधिकारी हिस्सा लेते हैं। गुरुवार को हुई बैठक में यह भी फैसला किया गया कि 15 जनवरी, 2020 के बाद से चीन से भारत लौटने वाले हर व्यक्ति की जांच की जाएगी। इन लोगों को कम से कम 14 दिनों तक अलग रखा जाएगा ताकि अगर वायरस से संक्रमित हो भी तो उसके चपेट में कोई दूसरा न आये।
पर्यटन केंद्रों पर ज्यादा सतर्कता
चौबा की अध्यक्षता में हुई बैठक में यह भी फैसला किया गया कि देश के हर पर्यटन केंद्र पर ज्यादा सतर्कता बरती जाएगी। इन स्थलों पर वायरस की जानकारी के लिए विशेष जांच केंद्र बनाये जाने की तैयारी है। राज्यों से भी कहा गया है कि वह अपने स्तर पर सतर्कता कार्यक्रम चलायें और कंट्रोल रूम खोले।
बताते चले कि अभी तक एनआइवी, पुणे को कोरोना वायरस का संदेह होने पर 49 खून सैंपल जांच के लिए भेजे गये थे जिसमें एक में इसका वायरस होने का पता चला है। चीन से जो सूचना मिल रही है उसके मुताबिक कोरोना वायरस के कुल 7711 मामले सामने आये हैं। जिसमें 1370 की स्थिति गंभीर हो चुकी है। जबकि 170 व्यक्तियों की इसकी मौत हो गई है। कुल 21 देशों में यह वायरस फैल चुका है।