Mumbai Serial Blast के दो मोस्ट वांटेड दुबई में गिरफ्तार, एक नौसेना अधिकारी का बेटा है
Mumbai Serial Blast 1993 में सुरक्षा एजेंसियों को दोनों मोस्ट वांटेड की तलाश थी। इनमें से एक भारतीय नौसेना के अधिकारी का बेटा है। दो दशक से खाड़ी देशों में इनकी तलाश चल रही थी।
नई दिल्ली [जागरण स्पेशल]। अंडवर्ल्ड डॉन रवि पुजारा की सेनेगल में गिरफ्तारी के बाद भारत को एक और बड़ी कामयाबी हाथ लगी है। अब भारतीय खुफिया एजेंसियों ने 1993 मुंबई ब्लास्ट के दो मोस्ट वांटेड अपराधी अबू बकर और फिरोज को दुबई में गिरफ्तार कर लिया है। अबू बकर मुंबई बम धमाकों के मुख्य आरोपियों और मास्टर माइंड में से एक है। फिरोज धमकों के वक्त रहे नौसेना के एक अधिकारी का बेटा है।
खुफिया एजेंसियों के अनुसार 1993 के मुंबई सीरियल ब्लॉस्ट में अंडरवर्ड डॉन दाऊद इब्राहिम ने धमाकों के लिए आरडीएक्स पहुंचाने की जिम्मेदारी अबू बकर को ही सौंपी थी। अबू बकर ने रायगढ़ के रास्ते पाकिस्तान से भारत में आरडीएक्स की सप्लाई की थी। दाऊद ने अबू बकर को ये जिम्मेदारी इसलिए सौंपी थी, क्योंकि धमाकों से पहले वह सीमा पार से भारत में तस्करी का रैकेट चलाता था। इसलिए उसे चोरी-छिपे भारत में अवैध सामान पहुंचाने का काफी तजुर्बा था। RDX सप्लाई करने के लिए उसे पाक अधिकृत कश्मीर (PoK) में संचालित आतंकी शिविर में प्रशिक्षण भी दिया गया था।
अबू बकर का पूरा नाम अबू बकर अब्दुल गफूर शेख है। वह मुंबई धमाके से पहले खाड़ी देशों से भारत में गैरकानूनी तरीके से सोना, कपड़ा और इलेकट्रानिक्स सामानों की तस्करी करता था। लंबे समय से तस्करी के धंधे में लिप्त रहने की वजह से अबू बकर के दुबई, ईरान और पाकिस्तान के बड़े कारोबारियों से संबंध रहे हैं। बताया जा रहा है कि अबू बकर ने कुछ साल पहले ही ईरान की एक महिला से दूसरी शादी की है।
सुरक्षा एजेंसियां अबू बकर की गिरफ्तारी को बड़ी कामयाबी मान रही हैं। सुरक्षा एजेंसियों को उम्मीद है कि अबू बकर कि गिरफ्तारी से अंडरवर्ल्ड के कई अहम राज खुलेंगे। साथ ही मुंबई धमाकों के मोस्ट वांटेड अपराधियों के बारे में भी अहम जानकारी मिल सकती है। सुरक्षा एजेंसियों ने अबू बकर को दुबई से प्रत्यर्पित कर भारत लाने की तैयारी शुरू कर दी है।
अबू बकर ने पाकिस्तान से पहुंचाया था RDX
सुरक्षा एजेंसियों के अनुसार अबू बकर का काम मुंबई धमाकों के लिए सीमा पार से भारत के मुंबई शहर में आरडीएक्स लाना था। मुंबई में आरडीएक्स पहुंचाने के बाद धमाकों से पहले ही वह भारत छोड़कर जा चुका था। बताया जा रहा है कि वह कई वर्षों से खाड़ी देशों में भारतीय एजेंसियों से छिपकर रह रहा था। सुरक्षा एजेंसियों को उसके बारे में वलसाड में गिरफ्तार हुए अहमद शेख ने जानकारी दी थी। उसी ने मुंबई धमाके की जांच कर रही एजेंसियों को बताया था कि ब्लास्ट के लिए आरडीएक्स पहुंचाने की जिम्मेदारी अबू बकर की थी।
1997 में जारी हुआ था रेड कार्नर नोटिस
इसके बाद भारतीय सुरक्षा एजेंसियों ने वर्ष 1997 में अबू बकर के खिलाफ मुंबई बम धमाके में शामिल होने के लिए रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया था। दो दशक से भारतीय सुरक्षा एजेंसियां खाड़ी देशों में अबू बकर की तलाश में जुटी थीं। इस दौरान एजेंसियों को कई बार अबू बकर के दुबई और ईरान में छिपे होने की सूचना मिली थी। लंबे इंतजार के बाद सुरक्षा एजेंसियों को अब उसे गिरप्तार करने में कामयाबी मिली है।
ब्लास्ट के बाद फर्जी पासपोर्ट पर आया था फिरोज
मुंबई बम धमाके में शामिल दूसरा आरोपी फिरोज, उस वक्त के एक नौसेना अधिकारी का बेटा है। धमाकों के बाद वह भी देश छोड़कर भाग गया था। इसके बाद वर्ष 2005 में फिरोज एक बार फर्जी पासपोर्ट के जरिए भारत आया था। हालांकि, उसके बारे में सुरक्षा एजेंसियों को पता लगने से पहले ही वह वापस खाड़ी देश भाग गया था। मुंबई पुलिस समेत खुफिया एजेंसियों को उसके ओमान में छिपे होने के कई बार संकेत मिले थे। मुंबई पुलिस के बड़े अधिकारियों के अनुसार फिरोज ने 1996-97 और 1999 में मोस्ट वांटेड दाऊद इब्राहिम से कराची में मुलाकात भी की थी। अब सुरक्षा एजेंसियां अबू बकर के साथ फिरोज को भी भारत लाने की तैयारी में जुट गई हैं।
12 जगह पर हुए थे सीरियल धमाके
मुंबई में 12 मार्च 1993 को महज दो घंटे के भीतर 13 जगहों पर सीरियल ब्लास्ट हुए थे। इन सिलसिलेवार बम धमाकों में 257 लोग मारे गए थे, जबकि 713 लोग घायल हो गए थे। ये बम धमाके बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज, नरसी नाथ स्ट्रीट, शिवसेना भवन, सेंचुरी बाजार, माहिम, झावेरी बाजार, सी रॉक होटल, प्लाजा सिनेमा, जूहू सेंटूर होटल, सहारा हवाई अड्डा और एयरपोर्ट सेंटूर होटल के आसपास किए गए थे। इन बम धमाकों से करीब 27 करोड़ रुपये की संपत्ति का नुकसान हुआ था। चार नवंबर 1993 को मुंबई बम धमाकों की 10 हजार पेज की चार्जशीट कोर्ट में पेश की गई, जिसमें 189 लोगों को आरोपी बनाया गया था। दाऊद इब्राहिम इन धमाकों का मुख्य आरोपी और साजिशकर्ता है, जो अब भी पकड़ से बाहर है।
22 जनवरी को गिरफ्तार हुआ था रवि पुजारा
मालूम हो कि इससे पहले 22 जनवरी 2019 को अंडरवर्ल्ड डॉन और मोस्ट वांटेड क्रिमिनल रवि पुजारा को सेनेगल में गिरफ्तार किया गया था। उसे सेनेगल की राजधानी डकार में पकड़ा गया था। वहां की सरकार ने 26 जनवरी को उसकी गिरफ्तारी की सूचना भारतीय दूतावास को दी थी। इसे बाद मुंबई पुलिस समेत अन्य अधिकारियों की एक टीम उसके प्रत्यर्पण के लिए विशेष विमान से तत्काल सेनेगल रवाना हो गई थी। सेनेगल में भारतीय अधिकारी उसके प्रत्यर्पण की तैयारियों में जुटे हुए हैं। रवि पुजारा कभी छोटा राजन गिरोह का शार्प शुटर हुआ करता था। 1993 के मुंबई ब्लास्ट के बाद छोटा राजन और दाऊद अलग हो गए थे। इसके बाद रवि पुजारा बैंकॉक चला गया था और उसने अपना अलग गिरोह बना लिया था। बैंकॉक में ही रहकर वह मुंबई समेत देश-दुनिया के उद्यमियों, बिल्डरों और सेलेब्रिटीज से रंगदारी वसूलने का काम करता था।