चीन से साइबर अटैक की आशंका पर अब भारतीय सुरक्षा एजेंसी ने जारी किया अलर्ट
चीन के हैकर कोरोना की मुफ्त जांच का झांसा देकर लोगों को साइबर अटैक का निशाना बना सकते हैं। इसलिए किसी को भी अपनी निजी और वित्तीय जानकारी न दें।
नई दिल्ली, एजेंसी। भारत की साइबर सुरक्षा नोडल एजेंसी सीईआरटी-इन द्वारा देश में चीन के हैकरों की ओर से साइबर हमले होने की चेतावनी के बाद भारतीय सुरक्षा एजेंसी ने अलर्ट जारी किया है। चेतावनी में कहा गया है कि चीन के हैकर कोरोना की मुफ्त जांच का झांसा देकर लोगों को साइबर अटैक का निशाना बना सकते हैं। इसलिए किसी को भी अपनी निजी और वित्तीय जानकारी न दें।
उल्लेखनीय है साइफर्मा नाम की एक साइबर इंटेलीजेंस कंपनी ने पूर्व में कहा था कि उत्तर कोरिया समर्थित लैजारस ग्रुप 20 लाख भारतीयों की निजी सूचनाएं चुराने की फिराक में हैं। लैजारस ग्रुप उत्तर कोरिया समर्थित साइबर हमलावर समूह माना जाता है। हालांकि इसके बारे में ज्यादा जानकारी उपलब्ध नहीं है। भारत की साइबर सुरक्षा की नोडल एजेंसी सीईआरटी-इन ने 19 जून को जारी अपनी एडवाइजरी में कहा था कि ये साइबर हमले सरकार की ओर से वित्तीय सहायता का काम देखने वाली सरकारी एजेंसियां, विभाग तथा कारोबारी संस्था का छद्म रूप लेकर किए जा सकते हैं।
परामर्श में कहा गया है कि ऐसे साइबर हमलावरों के पास 20 लाख लोगों के ईमेल आइडी हो सकते हैं। जिसके जरिये वे मुफ्त में कोरोना जांच जैसे ईमेल भेज सकते हैं।
नॉर्थ कोरियन हैकर ग्रुप्स भी हैं शामिल
सिक्युरिटी फर्म्स की रिपोर्ट्स के मुताबिक, चीनी के साथ-साथ नॉर्थ कोरियन हैकर ग्रुप्स भी इसमें शामिल हैं जो किसी कैंपेन की मदद लेकर इस बड़े साइबर अटैक को अंजाम दे सकते हैं। सिंगापुर स्तिथ साइबर सिक्युरिटी फर्म Cyfirma ने बताया है कि इन हैकर्स के पास जापान में 11 लाख निजी ई-मेल आईडी, भारत में 20 लाख ई-ईमेल आईडी और यूके में 1 लाख 80 हजार यूजर्स के ई-मेल आईडी हैं, जिन्हें टारगेट किया जा सकता है।
इस तरह बचें
इस तरह के बड़े साइबर अटैक से बचने के लिए यूजर्स को अपने किसी परिचित या अपरिचित ई-मेल आईडी से आए किसी भी ई-मेल के अटैचमेंट को ओपन करने से बचें। साथ ही, अगर आपको किसी भी तरह के स्कीम या ऑफर्स से जुड़ी ई-मेल आती है तो उसे न ओपन करें। यही नहीं, यूजर्स स्पैम फोल्डर में आए किसी भी ई-मेल को ओपन करें। साइबर सिक्युरिटी फर्म्स का मानना है कि ज्यादातर यूजर्स फ्री स्कीम्स और ऑफर्स की लालच में इन ई-मेल को ओपन करते हैं और साइबर अटैक को फेस करते हैं।