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Indian Railways:दिल्ली से मुंबई-कोलकाता पहुंचने में लगेंगे मात्र 12 घंटे, रेलवे ने तैयार किया ये प्लान

ट्रेनों को 160 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से चलाने के लिए रेलवे 18 हजार करोड़ रुपये की परियोजना शुरू करेगा।

By Sanjeev TiwariEdited By: Published: Wed, 23 Oct 2019 10:56 AM (IST)Updated: Wed, 23 Oct 2019 10:56 AM (IST)
Indian Railways:दिल्ली से मुंबई-कोलकाता पहुंचने में लगेंगे मात्र 12 घंटे, रेलवे ने तैयार किया ये प्लान
Indian Railways:दिल्ली से मुंबई-कोलकाता पहुंचने में लगेंगे मात्र 12 घंटे, रेलवे ने तैयार किया ये प्लान

नई दिल्ली, प्रेट्र। दिल्ली से मुंबई और कोलकाता अब आप 12 से 14 घंटे में पहुंच जाएंगे। रेलवे ने एक प्लान तैयार किया है, जिसके जरिए ऐसा होना संभव होगा। दिल्ली-मुंबई और दिल्ली-कोलकाता व्यस्त रूट पर ट्रेनों को 160 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से चलाने के लिए रेलवे 18 हजार करोड़ रुपये की परियोजना शुरू करेगा। रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष वीके यादव ने कहा कि बुनियादी ढांचा को अपग्रेड किया जाएगा।

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परियोजना शुरू होने के बाद इसके पूरा होने में कम से कम चार वर्ष लगेंगे। यादव ने इंटरनेशनल रेल कांफ्रेंस-2019 और 13वीं अंतरराष्ट्रीय रेलवे उपकरण प्रदर्शनी का उद्घाटन करने के बाद यह कहा। एयरोसिटी में सीआइआइ ने रेलवे के साथ मिलकर इस कार्यक्रम का आयोजन किया है।

बुलेट ट्रेन, हाई स्पीड ट्रेन व वंदे भारत के लिए रफ्तार तय

दिल्ली-मुंबई और दिल्ली-कोलकाता रूटों पर रेलवे का लक्ष्य दो श्रेणियों की हाई स्पीड ट्रेन चलाना है। इसके अलावा मुंबई-अहमदाबाद के बीच बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट के तहत 320 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार तक से ट्रेन चलाना है। वर्तमान में विभिन्न रूटों पर ट्रेनों की अधिकतम रफ्तार 99 किलोमीटर प्रति घंटा है। हाल ही में शुरू की गई दिल्ली-वाराणसी वंदे भारत एक्सप्रेस दिल्ली-कानपुर के बीच औसत 104 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार तक पहुंचती है।

आधुनिकीकरण व बदलाव के मोड में रेलवे

रेल मंत्रालय के मुताबिक, 160 किलोमीटर प्रति घंटा पर ट्रेन चलाने के लिए उन्नत बुनियादी ढांचा में तारबंदी, ट्रैक उन्नत करना और सिंगनलिंग और मानव रहित क्रासिंग खत्म करना शामिल है। यादव ने कहा कि रेलवे बदलाव के मोड में है और यह आधुनिकीकरण की प्रक्रिया में है। उन्होंने आगे कहा कि इसके तहत अगले तीन वर्षो में 68000 किलोमीटर ब्राड-गेज ट्रैक नेटवर्क को विद्युतीकृत किया जाएगा। वर्तमान में 28000 किलोमीटर का विद्युतीकरण किया जा चुका है और अगले साल के लिए 7000 किलोमीटर का लक्ष्य रखा गया है।

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