Indian Railways: दिसंबर तक पटरी पर दौड़ सकती है देश की पहली सेमी-हाई स्पीड मालगाड़ी, जानें क्या है इसकी खासियत
भारत की पहली सेमी हाई स्पीड मालगाड़ी दिसंबर तक पटरी पर दौड़ने लगेगी। अधिकारियों ने शुक्रवार को यह उम्मीद जताई। 16-कोच वाली गति शक्ति ट्रेन की रफ्तार 160 किमी प्रति घंटा होगी। इसका निर्माण चेन्नई में इंटीग्रल कोच फैक्ट्री (आइसीएफ) में किया जाएगा।
चेन्नई, प्रेट्र। भारत की पहली सेमी हाई स्पीड मालगाड़ी दिसंबर तक पटरी पर दौड़ने लगेगी। अधिकारियों ने शुक्रवार को यह उम्मीद जताई। 16-कोच वाली गति शक्ति ट्रेन की रफ्तार 160 किमी प्रति घंटा होगी। इसका निर्माण चेन्नई में इंटीग्रल कोच फैक्ट्री (आइसीएफ) में किया जाएगा। आइसीएफ के महाप्रबंधक एके अग्रवाल ने कहा, इन ट्रेनों के लिए डिजाइनिंग का काम शुरू हो चुका है। हमने सामग्री का आर्डर भी दे दिया है। इस साल दिसंबर तक हम इनमें से दो ट्रेनों का निर्माण कर सकेंगे। ऐसी 25 ट्रेनें तैयार करने का लक्ष्य है।
अधिकारियों ने कहा कि रेलवे इन ट्रेनों के माध्यम से ई-कामर्स और कूरियर पार्सल सेगमेंट को लक्षित करने की योजना बना रहा है। प्रत्येक ट्रेन में दुग्ध उत्पादों, मछली, फल और सब्जियों जैसे जल्दी खराब होने वाले सामानों को ले जाने के लिए रेफ्रि जेरेटेड वैगन भी होंगे। इन वैगनों के लिए बिजली कनेक्शन कोच से उपलब्ध कराया जाएगा। प्रत्येक कोच में कंटेनरों की लोडिंग और अनलोडिंग के लिए दो चौड़े दरवाजे होंगे। भारतीय रेलवे ने देश भर में 74 नए गति-शक्ति मल्टी-माडल कार्गो टर्मिनल (जीसीटी) की पहचान की है। जिनमें से 20 दक्षिण भारतीय राज्यों में हैं।
अगस्त में हो सकता है नई वंदे भारत ट्रेनों का ट्रायल
नई सेमी हाईस्पीड वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनों में से दो ट्रेनों का ट्रायल अगस्त में होने की उम्मीद है। 16-कोच वाली सेमी-हाई स्पीड वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनों के नए सेट का निर्माण 115 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से किया जाएगा। अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। रेलवे ने अगस्त 2023 तक ऐसी 75 ट्रेनों के निर्माण का लक्ष्य रखा है।
अधिकारियों ने कहा कि ऐसी दो ट्रेनें पहले से ही दिल्ली और कटरा और दिल्ली और वाराणसी के बीच चल रही हैं। इन नए ट्रेनों में सुरक्षा के साथ ही कई अतिरिक्त सुविधाएं होंगी। वंदे भारत ट्रेनों के नए सेट की सबसे बड़ी सुरक्षा विशेषता टकराव से बचाव प्रणाली का होना है। यह ट्रेन 99 प्रतिशत स्वदेशी होगी। केवल कुछ छोटे कंपोनेंट्स आयात किए जाएंगे। आइसीएफ प्रति माह लगभग 10 ट्रेनों के निर्माण की योजना बना रहा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अगस्त 2023 तक 75 ऐसी ट्रेनें चलाने का लक्ष्य निर्धारित किया था।