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पिछले तीन वर्षों में रेल लाइन पार करने और दूसरी अवांछित घटनाओं में 29 से 30 हजार मौतें : रेलवे

रेलवे (Indian Railways) ने कहा है कि उसके परिसरों में पिछले तीन वर्षों के दौरान रेल लाइन पार करने और अन्य अप्रि‍य घटनाओं में करीब 29 से 30 हजार मौतें हुई हैं।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Fri, 21 Aug 2020 06:03 AM (IST)Updated: Fri, 21 Aug 2020 06:03 AM (IST)
पिछले तीन वर्षों में रेल लाइन पार करने और दूसरी अवांछित घटनाओं में 29 से 30 हजार मौतें : रेलवे
पिछले तीन वर्षों में रेल लाइन पार करने और दूसरी अवांछित घटनाओं में 29 से 30 हजार मौतें : रेलवे

नई दिल्ली, एजेंसियां। रेलवे ने कहा है कि उसके परिसरों में पिछले तीन वर्षों के दौरान 'रेल लाइन पार करने और अन्य अप्रि‍य घटनाओं' में करीब 29 से 30 हजार मौतें हुई हैं। पिछले वित्त वर्ष में शून्य मौत के दावे पर नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने सवाल उठाते हुए रेलवे बोर्ड के चेयरमैन वीके यादव को पत्र लिखा था। इसी पत्र के जवाब में यादव ने स्पष्ट किया है। यादव ने कहा है कि यात्रियों की सुरक्षा मजबूत करने के लिए रेलवे सतत प्रयास में जुटा है। इस दिशा में मील का पत्थर हासिल करने के लिए रेलवे ने पूरी तरह स्वदेशी तकनीक टीसीएएस पर आधारित एक प्रणाली विकसित की है।

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नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अमिताभ कांत द्वारा रेलवे के दावों को संज्ञान में लेने और आंकड़ों की विश्‍वसनीयता पर सवाल उठाने के बाद रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष वीके यादव की तरफ से यह स्पष्टीकरण आया। कांत ने कहा था कि मुंबई उपनगरीय खंड पर ही हर साल हजारों मौत होती हैं। नीति आयोग के सीईओ ने एक पत्र में यादव को कहा था कि मैं आपका ध्यान इस तथ्य की तरफ दिलाना चाहूंगा कि इन मौतों में से बहुत सी ट्रेन से या प्लेटफॉर्म से पटरी पर गिरने के कारण होती हैं। इस वजह से उन्हें राष्ट्रीय रेल संरक्षण कोष के दायरे से बाहर नहीं रखा जाना चाहिए।

अमिताभ कांत ने कहा था कि इन आंकड़ों को आधिकारिक रूप से दर्ज किया जाना चाहिए। यादव ने बृहस्पतिपार को एक कहा कि रेलवे सभी मौतों का हिसाब रखता है जो उसके परिसर में होती हैं। इन्हें तीन अलग शीर्षकों- परिणामी दुर्घटनाएं, अतिक्रमण और अप्रिय घटनाओं के रूप में दर्ज किया जाता है। वैसे यह वास्‍तविकता है कि साल 2019-20 में परिणामी दुर्घटनाएं शून्य रहीं और इस साल भी। बीते तीन वर्षों में 29 से 30 हजार लोगों की मौत या तो अतिक्रमण या अप्रिय घटनाओं की वजह से हुईं। वीके यादव ने कहा कि यह आंकड़ा हम नीति आयोग को देंगे।

यही नहीं कोरोना की चुनौतियों के बावजूद इस महीने के पहले 19 दिनों में रेलवे को पिछले साल इसी अवधि के मुकाबले माल ढुलाई के जरिए अधिक आमदनी हुई है। रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष वीके यादव ने बताया कि 19 अगस्त तक रेलवे ने 57.47 मिलियन टन माल की ढुलाई की है जिससे उसे 5,461 करोड़ रुपए की कमाई हुई। पिछले साल इस अवधि के दौरान उसने 53.65 मिलियन टन माल की ढुलाई की थी जिससे उसने 5,435.31 करोड़ रुपये कमाए थे। अकेले 19 अगस्त को ही रेलवे ने 3.11 मिलियन टन माल की ढुलाई की जिससे उसे 306.1 करोड़ रुपए की कमाई हुई।


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