Indian Railways: इसरो की सैटेलाइट के जरिए रेलवे में होने जा रहा बड़ा बदलाव, जल्द होगा ये फायदा
700 से ज्यादा ट्रेनों में ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम (जीपीएस) लगाया गया है। नई तकनीकी से अब ट्रेन की गति और उसके लोकेशन के बारे में सटीक जानकारी मिल जाएगी।
नई दिल्ली, आइएएनएस। भारतीय रेल ने मालगाडि़यों से तेल और कोयले की चोरी रोकने के लिए नई तकनीक को अपनाया है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) की सैटेलाइट के जरिए ट्रेनों खासकर मालगाड़ियों की हर वक्त निगरानी की जाएगी। इस नई तकनीक से यात्रियों को उनके स्टेशन के बारे में भी पूर्व सूचना दी जा सकेगी।
इसरो की सैटेलाइट के जरिए रेलवे के कंट्रोल ऑफिस एप्लीकेशन प्रणाली में मालगाड़ियों के आवागमन की रियल टाइम निगरानी शुरू भी हो गई है। इसके लिए 700 से ज्यादा ट्रेनों में ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम (जीपीएस) लगाया गया है।
रेलवे को माल, खासकर तेल (डीजल व पेट्रोल) और कोयले की ढुलाई से सबसे ज्यादा कमाई होती है। परंतु, मालगाडि़यों से तेल और कोयले की चोरी भी होती है। इसमें ट्रेन के चालक दल, रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ), स्थानीय रेलवे स्टेशन के कर्मचारी और माफिया की मिलीभगत रहती है।
आरपीएफ के महानिदेशक और आइपीएस अधिकारी अरुण कुमार ने कहा कि नई तकनीक से मालगाडि़यों से तेल और कोयले की चोरी पर रोक लगने की उम्मीद है। रियल टाइम निगरानी से मालगाडि़यों के आवागमन, अनाधिकृत रेलवे स्टेशनों या आउटर सिग्नल पर उनको रोकना मुश्किल होगा। अगर कोई ट्रेन को अवैध तरीके से किसी स्टेशन पर रोक कर तेल या कोयले की चोरी करता है तो उसे रंगे हाथों पकड़ा जा सकेगा।
इससे पहले ट्रेनों के आवागमन के समय की निगरानी तभी हो पाती थी, जब वह किसी खास स्टेशन से गुजरती थी। अगर कोई ट्रेन दो स्टेशनों के बीच में रुक जाती थी तो उस पर नजर रखना संभव नहीं था। लेकिन नई तकनीकी से अब ट्रेन की गति और उसके लोकेशन के बारे में सटीक जानकारी मिल जाएगी।