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Indian Railways : जानिए, रेलवे कैसे आइसोलेशन कोच का तापमान कम करेगा, जल्‍द शुरू होने वाला है प्रयोग

कोरोना पीड़ितों को राहत देने के उद्देश्य रेलवे ने गैर वातानुकूलित आइसोलेशन कोच का तापमान कम करने के लिए उनकी छतों पर तापरोधी पेंट लगाने का फैसला किया है।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Sun, 31 May 2020 10:07 PM (IST)Updated: Sun, 31 May 2020 10:07 PM (IST)
Indian Railways : जानिए, रेलवे कैसे आइसोलेशन कोच का तापमान कम करेगा, जल्‍द शुरू होने वाला है प्रयोग
Indian Railways : जानिए, रेलवे कैसे आइसोलेशन कोच का तापमान कम करेगा, जल्‍द शुरू होने वाला है प्रयोग

नई दिल्ली, प्रेट्र। कोरोना पीड़ितों को राहत देने के उद्देश्य रेलवे ने गैर वातानुकूलित आइसोलेशन कोच का तापमान कम करने के लिए उनकी छतों पर तापरोधी पेंट लगाने का फैसला किया है। उम्मीद है कि इससे कोच के अंदर का तापमान 5-6 डिग्री सेल्सियस कम हो जाएगा। दरअसल, नीति आयोग ने कहा था कि गर्मी के दिनों में देश के कई हिस्सों में तापमान 40 डिग्री से ऊपर चला जाएगा। तब इन कोचों में भर्ती कोरोना पीड़ितों के लिए समस्या पैदा हो जाएगी। 

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100 आइसोलेशन कोचों की छतों पर तापरोधी पेंट किए जाएंगे

स्वास्थ्य मंत्रालय की सलाह पर करीब 5,200 कोविड-19 आइसोलेशन कोच तैयार किए हैं। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, 'रिसर्च डिजाइन एंड स्टैंडर्ड ऑर्गनाइजेशन (आरडीएसओ)के मानकों के अनुरूप उत्तर और उत्तर मध्य रेलवे के 100 आइसोलेशन कोचों की छतों पर तापरोधी पेंट किए जाएंगे। उम्मीद है कि जून में इसका ट्रायल पूरा हो जाएगा। अगर इससे 5-6 डिग्री तापमान कम होता है तो इसे आगे बढ़ाया जाएगा। ऐसा नहीं होने पर इसे रोक दिया जाएगा। इस पर प्रति कोच एक लाख रुपये की लागत आने की संभावना है।' इस तकनीक का विकास आइआइटी मुंबई ने किया है। 

ऐसा होने पर होगी हर साल 1.62 लाख मेगावाट बिजली की बचत

इसका उद्देश्य है कि जब बाहर का तापमान 45 हो तो कोच के अंदर का तापमान 39 डिग्री सेल्सियस ही रहे। इससे पहले रेलवे हमसफर एक्सप्रेस, जनशताब्दी एक्सप्रेस व अंत्योदय एक्सप्रेस के 100 कोचों में एक अन्य उत्पाद का इस्तेमाल कर चुका है। 3एम स्कॉचकोट पॉलीटेक ईएक्सपी आरजी 700 नामक तापरोधी परत कोच के भीतर के तापमान को कम कर सकता है। यह धातु और गैरधातु पर भी कारगर है। कंपनी का दावा है कि अगर इसका इस्तेमाल 15,000 कोचों पर किया गया तो हर साल 1.62 लाख मेगावाट बिजली की बचत हो सकती है।

 

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