Coronavirus: भारतीय रेलवे ने बनाए 26000 लीटर सेनेटाइजर व 3 लाख मास्क
कोरोना मरीजों के इलाज के लिए भारतीय रेल अब तक रेलवे अस्पतालों में 5000 आइसोलेशन बेड तथा 11000 क्वोरंटाइन बेड तैयार कर चुकी है।
, रेलवे ने अपने कर्मचारियों और अनुबंध मजदूरों की सुरक्षा के लिए खुद ही शुरू किया उत्पादन
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। चौबीसों घंटे जरूरी वस्तुओं के पहुंचाने के काम में लगे अपने कर्मचारियों तथा अनुबंध श्रमिकों की सुरक्षा एवं मनोबल बढ़ाए रखने के लिए भारतीय रेल खुद ही बड़े पैमाने पर मास्क और सेनेटाइजर का उत्पादन कर रही है। पिछले एक सप्ताह में रेलवे की उत्पादन इकाइयों ने लगभग 3 लाख मास्क बनाने के अलावा 26 हजार लीटर सेनेटाइजर तैयार किया है।
रेलवे की विभिन्न उत्पादन इकाइयों ने 2,87,704 मास्क बनाने में पाई सफलता
पहली अप्रैल 2020 तक रेलवे की विभिन्न उत्पादन इकाइयों ने 2,87,704 मास्क बनाने के साथ-साथ 25,806 लीटर सेनेटाइजर तैयार करने में सफलता पाई है। इस मामले में रेलवे के कुछ जोनों ने सबसे अच्छा काम किया है।
मध्य रेलवे ने 22,580 मास्क बनाकर पेश की मिसाल
उदाहरण के लिए मध्य रेलवे ने सबसे ज्यादा 22,580 मास्क तथा 2,693 लीटर सेनेटाइजर तैयार कर अन्य जोनों के लिए मिसाल पेश की है। चूंकि कोरोना लॉकडाउन के बावजूद आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति बनाए रखने के लिए भारतीय रेल की ओर से मालगाड़ियों का लगातार हर घंटे संचालन किया जा रहा है। लिहाजा हजारों रेलवे कर्मचारी चौबीसों घंटे काम कर रहे हैं।
सभी कर्मचारियों की सुरक्षा के लिए सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं
इन सभी कर्मचारियों तथा अनुबंध मजदूरों की सुरक्षा के साथ उनका मनोबल ऊंचा रखने के लिए कार्यस्थलों पर इन्हें समुचित संख्या में मास्क के अलावा पर्याप्त मात्रा में हैंड सेनेटाइजर, साबुन व पानी के अलावा हाथ धोने की हैंड फ्री सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं। इकाइयों में उत्पादन के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का पूरा ख्याल रखा जा रहा है।
रेलवे अस्पतालों में 5000 आइसोलेशन बेड तथा 11000 क्वोरंटाइन बेड तैयार
कोरोना मरीजों के इलाज के लिए भारतीय रेल अब तक रेलवे अस्पतालों में 5000 आइसोलेशन बेड तथा 11000 क्वोरंटाइन बेड तैयार कर चुकी है। इसके अलावा 5,000 यात्री डिब्बों में तकरीबन 80,000 आइसोलेशन बेड अलग से तैयार किए गए हैं। आइसोलेशन बेड और क्वारंटाइन सुविधाओं के लिए 20 हजार कोच की पहचान कर ली गई है।