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रेलवे ने दूर की किसानों की मुश्किल, पहली बार मालगाड़ी से बांग्लादेश भेजी सूखी मिर्ची

रेलवे ने पहली बार मालगाड़ी के जरिये आंध्र प्रदेश के गुंटूर जिले से सूखी मिर्ची पड़ोसी बांग्लादेश को भेजी है। इससे पहले सड़क मार्ग से सूखी मिर्ची बांग्लादेश भेजी जाती थी।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Mon, 13 Jul 2020 06:04 AM (IST)Updated: Mon, 13 Jul 2020 06:04 AM (IST)
रेलवे ने दूर की किसानों की मुश्किल, पहली बार मालगाड़ी से बांग्लादेश भेजी सूखी मिर्ची
रेलवे ने दूर की किसानों की मुश्किल, पहली बार मालगाड़ी से बांग्लादेश भेजी सूखी मिर्ची

नई दिल्ली, एजेंसियां। रेलवे ने पहली बार मालगाड़ी के जरिये आंध्र प्रदेश के गुंटूर जिले से सूखी मिर्ची पड़ोसी बांग्लादेश को भेजी है। इससे पहले गुंटूर और आसपास के किसान कम मात्रा में सड़क मार्ग से सूखी मिर्ची बांग्लादेश भेजा करते थे। रेलवे के अनुसार, किसान लॉकडाउन के कारण सड़क मार्ग के जरिये अपने उत्पाद को बांग्लादेश नहीं भेज पा रहे थे। इसे लेकर रेलवे के अधिकारियों ने उन्हें संपर्क किया और उनके उत्पाद को विशेष मालगाड़ी के जरिये बांग्लादेश भेजने का आश्वासन दिया। किसानों की सूखी मिर्ची लेकर विशेष मालगाड़ी 10 जुलाई को बांग्लादेश के बेनापोल पहुंची।

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बताया जाता है कि रेलवे की इस पहल से परिवहन के खर्च में भी कमी आई। सड़क मार्ग से बांग्लादेश मिर्ची भेजने का खर्च प्रति टन 7,000 रुपये आता है, जबकि मालगाड़ी से प्रति टन 4,608 रुपये आया। रेलवे ने बयान जारी कर कहा, 'भारतीय रेलवे ने पहली बार विशेष मालगाड़ी से आंध्र प्रदेश के गुंटूर जिले के रेड्डीपालेम से सूखी मिर्ची बांग्लादेश के बेनापोल तक पहुंचाई।' आंध्र प्रदेश के गुंटूर व आसपास के इलाकों में मिर्ची की खेती बड़े पैमाने पर होती है। अच्छी गुणवत्ता के कारण यहां की मिर्ची अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मशहूर है।

रेलवे के नियमानुसार किसी भी मालगाड़ी को चलाने के लिए हर ट्रिप के लिए कम से कम 1500 टन का माल जरूरी होता है, लेकिन आंध्र प्रदेश के किसानों के पास इतनी मात्रा में माल नहीं था। इस बारे में दक्षिण रेलवे ने किसानों की मदद के लिए निश्‍चय किया और एक सकारात्‍मक पहल करके 384 टन सूखी मिर्ची स्‍पेशल पार्सल ट्रेन के जरिए बांग्‍लादेश भेजी। रेलवे ने ऐसा करके न केवल किसानों की मदद की वरन कोरोना काल में बांग्‍लादेश जैसे पड़ोसी के लिए निर्यात के एक तरीके की ओर भी इशारा किया।

रेलवे की ओर से जारी बयान के मुताबिक, रेलवे की इस स्‍पेशल पार्सल ट्रेन में 16 बोगियां थी और प्रत्‍येक में सूखी मिर्ची के 466 बैग लदे थे। हर बोगी में लगभग 19.9 टन माल लदा था। बताया जाता है कि इस स्‍पेशल पार्सल एक्‍सप्रेस में लगभग 384 टन मिर्ची लोड थी। रेलवे ने यह पहल करके कोरोना काल में इस तरह की पार्सल ट्रेनों के संचालन की संभावनाओं को बल दिया है। मौजूदा वक्‍त में रेलवे आवश्यक वस्तुओं की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए चुनिंदा मार्गों पर समय-समय पर पार्सल स्पेशल ट्रेनें चला रहा है ताकि आपूर्ति निर्बाध जारी रहे।  


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