रेलवे के इन कर्मचारियों को अब मिलेगा दोगुने से ज्यादा जोखिम भत्ता
सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के मद्देनजर इस फैसले को 1 जुलाई, 2017 के पूर्व प्रभाव से लागू किया गया है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। रेलवे में 12 श्रेणियों के अंतर्गत विविध प्रकार के जोखिम भरे कार्य करने वाले कर्मचारियों को अब दोगुने से ज्यादा जोखिम भत्ता मिलेगा। रेल मंत्रालय ने इनके लिए जोखिम भत्ते की राशि को 60 रुपये से बढ़ाकर 135 रुपये प्रति माह करने का निर्णय लिया है।
सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के मद्देनजर इस फैसले को 1 जुलाई, 2017 के पूर्व प्रभाव से लागू किया गया है। जो रेल कर्मी बढ़े हुए जोखिम भत्ते के हकदार होंगे उनमें स्प्रे पेंटिंग, टंकिंयों पर जस्ते का पानी चढ़ाने, ट्रीटमेंट प्लांटों में कार्य करने तथा खतरनाक रसायनों के जरिए इंसुलेशन कंपोनेंट बनाने के कार्य से सीधे जुड़े कर्मचारी शामिल हैं।
इसके अलावा इलेक्ट्रोलाइट, मेटालिक डस्ट का सामना करने और रेजिन बेकर भट्टियों और कार्बन बर्स्ट शॉप के धुएं की चपेट में आने वाले कर्मचारियों को भी अब ज्यादा जोखिम भत्ता मिलेगा। इसी तरह मेल्टिंग शॉप में स्क्रैप का उपयोग करने वाली वाली सभी फाउंडरियों के कर्मचारी तथा क्रोम प्लेटिंग के कार्य से सीधे जुड़े कर्मचारी भी बढ़ा हुआ भत्ता प्राप्त कर सकेंगे। यही नहीं, बंगलूर की रेल ह्वील फैक्ट्री की मोल्डिंग शॉप के कर्मचारियों को भी यह लाभ मिलेगा।
रेलवे में भूमिगत सीवर, पाइप तथा मैनहोल की सफाई से सीधे जुड़े कर्मचारियों तथा कीटनाशक का छिड़काव करने तथा एसिड एवं लार्वारोधी दवाओं की हैंडलिंग करने वाले मलेरिया खलासी तथा चेस्ट क्लीनिक और एक्स-रे लैब में काम करने वाले कर्मचारी भी दोगुने से ज्यादा जोखिम भत्ता प्राप्त करने के दावेदार होंगे।