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Indian Railway: शादियों के लिए प्लेटफॉर्म और जमीन किराए पर दी जाएगी

आय बढ़ाने के लिए रेलवे अब स्टेशनों के पास खाली पड़ी व्यावसायिक और अनुपयोगी जमीन शादी-पार्टी के लिए किराए पर देगा।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Mon, 16 Dec 2019 10:16 PM (IST)Updated: Mon, 16 Dec 2019 10:16 PM (IST)
Indian Railway: शादियों के लिए प्लेटफॉर्म और जमीन किराए पर दी जाएगी
Indian Railway: शादियों के लिए प्लेटफॉर्म और जमीन किराए पर दी जाएगी

 अतुल शुक्ला, जबलपुर। आय बढ़ाने के लिए रेलवे अब स्टेशनों के पास खाली पड़ी व्यावसायिक और अनुपयोगी जमीन शादी-पार्टी के लिए किराए पर देगा।

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बोर्ड तय करेगा गाइडलाइन

जबलपुर सहित सभी 66 रेल मंडलों ने अपनी सीमा में आने वाली ऐसी भूमि चिह्नित कर जानकारी रेलवे बोर्ड को भेज दी है। बोर्ड से गाइडलाइन तय होते ही खाली जमीनों को किराए पर देने का काम शुरू हो जाएगा। इसमें स्टेशन के ऐसे प्लेटफॉर्म को भी शादी-पार्टी के लिए किराए पर दिया जाएगा, जहां दिन में दो से तीन ट्रेन ही आती हैं या फिर इनका उपयोग वीआइपी मूवमेंट के लिए ही किया जाता है।

 आय बढ़ाने के लिए सुझाव मांगे

गौरतलब है कि रेलवे बोर्ड ने कुछ दिन पूर्व सभी रेल मंडल प्रबंधकों के साथ परिवर्तन बैठक की थी। इसमें अन्य माध्यम से रेलवे की आय बढ़ाने पर सुझाव मांगे थे। इसमें सबसे महत्वपूर्ण सुझाव व्यावसायिक जमीन को कम से कम समय के लिए किराए पर देने का मिला था।

पश्चिम-मध्य रेलवे के एजीएम शोभन चौधरी का कहना है कि रेलवे की व्यावसायिक भूमि को शादी-पार्टी के लिए किराए पर देने का सुझाव दिया है। अभी इस पर गाइडलाइन तैयार की जा रही है कि किस नियम के तहत किराए पर भूमि दी जाएगी।

रेलवे यूनियनों से जुड़े 50 हजार कर्मचारियों की सुविधाएं घटाने पर विचार

रेलवे का खर्च बढ़ने का मुद्दा छाया हुआ है। रेलवे यूनियनों से जुड़े हजारों पदाधिकारियों का भविष्य खतरे में है। रेल मंत्रालय द्वारा हाल ही में आयोजित परिवर्तन संगोष्ठी में यूनियन पदाधिकारियों के पर कतरने पर सहमति बनी है। इनके बारे में मंत्रालय का आकलन है कि ये रेलवे पर बोझ बने हुए हैं और इनसे काम कराना दुष्कर कार्य है। इनकी वजह से रेलवे की उत्पादकता बुरी तरह प्रभावित हो रही है। लिहाजा इनकी सुविधाओं में कटौती के अलावा 55 वर्ष की उम्र पार कर चुके पदाधिकारियों को वीआरएस देने पर विचार किया जाना चाहिए।

संगोष्ठी में कर्मचारियों के बोझ से रेलवे के वेतन व पेंशन के खर्च में बढ़ोतरी का मुद्दा छाया रहा। कहा गया कि रेलवे का कर्मचारियों पर होने वाला खर्च 60 फीसद से ज्यादा है जो कि किसी भी प्रतिष्ठान के लिए अत्यधिक है, इसलिए कर्मचारियों में कटौती आवश्यक है, लेकिन इसे चरणों में लागू करना चाहिए। 


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