विकसित देशों की तुलना में 20 साल पीछे है भारतीय रेल: मेट्रो मैन श्रीधरन
भारतीय ट्रेन की सुरक्षा, औसत गति, तकनीकी प्रगति को लेकर मेट्रो मैन श्रीधरन ने निराशा व्यक्त की।
नई दिल्ली (एजेंसी)। ‘मेट्रो मैन’ ई.श्रीधरन ने भारतीय रेल व्यवस्था की तुलना विकसित देशों से की और इसे 20 साल पीछे बताया। उन्होंने कहा, ‘मुझे लगता है भारतीय रेल व्यवस्था विकसित देशों की तुलना में करीब 20 साल पीछे है।’
केवल अमीरों के लिए बुलेट ट्रेन
श्रीधरन ने बुलेट ट्रेन को केवल धनी लोगों के लिए बताया। साथ ही किसी तरह की तकनीकी प्रगति की बात को नकारते हुए कहा कि भारतीय रेल में बायो टॉयलेट को छोड़ और कोई प्रगति नहीं है। उन्होंने कहा कि बुलेट ट्रेन केवल अमीरों की आवश्यकताओं को पूरा करेगी। काफी महंगी होने के कारण यह आम लोगों की पहुंच से बाहर है।
बनाना होगा साफ और सुरक्षित
भारतीय रेलवे को अभी आधुनिक बनाने के साथ साफ और सुरक्षित भी बनाना होगा। भारतीय इंजीनियरिंग सर्विस के रिटायर ऑफिसर और कई मेट्रो प्रोजेक्ट्स के सलाहकार ने इस बात को भी नकार दिया कि बॉयो टॉयलेट, स्पीड और स्वच्छता की दिशा में भारतीय रेल ने प्रगति की है। श्रीधरन ने भारतीय रेलवे के प्रति निराशा व्यक्त करते हुए कहा कि बहुत से प्रतिष्ठित ट्रेनों की औसत गति में कमी आई है।
उन्होंने कहा कि रेलवे की दुर्घटना के आंकड़ों में भी कोई सुधार नहीं हुआ है। उनके अनुसार, हर साल ट्रैक पर करीब 20,000 मौत होती हैं। हाल ही में देशभर में सभी मेट्रो रेल प्रणालियों के लिए स्वदेशी तकनीकी मानकों को निर्धारित करने के लिए श्रीधरन को एक नई गठित उच्चस्तरीय समिति का प्रमुख बनाया गया है।