Move to Jagran APP

भारतीय मुसलमानों ने नहीं दी आइएसआइएस को तवज्जो

सुरक्षा एजेंसी से जुड़े एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि जब आइएसआइएस अपने चरम था, तो उसने लगभग 30 हजार आतंकियों की सेना तैयार कर ली थी।

By Sachin BajpaiEdited By: Published: Sat, 02 Dec 2017 07:18 PM (IST)Updated: Sat, 02 Dec 2017 10:38 PM (IST)
भारतीय मुसलमानों ने नहीं दी आइएसआइएस को तवज्जो
भारतीय मुसलमानों ने नहीं दी आइएसआइएस को तवज्जो

नीलू रंजन, नई दिल्ली। इराक और सीरिया के बड़े भू-भाग पर कब्जा करने वाले आइएसआइएस का खिलाफत भारतीय को लुभाने में बुरी तरह विफल रहा। आइएसआइएस के खत्म होने के कगार पर पहुंचने के बाद भारतीय एजेंसियां इसके भारत में पड़े प्रभाव का आंकलन करने में जुटी है। एजेंसियों के अनुसार भारत से केवल 50 मुस्लिम युवा ही सीरिया और इराक जाकर आइएसआइएस में शामिल हुए थे। जबकि भारत की तुलना में बेहद कम मुस्लिम आबादी वाले ब्रिटेन से 500 और फ्रांस से 700 मुस्लिम युवा आइएसआइएस में पहुंच गए थे।

loksabha election banner

सुरक्षा एजेंसी से जुड़े एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि जब आइएसआइएस अपने चरम था, तो उसने लगभग 30 हजार आतंकियों की सेना तैयार कर ली थी। भारत में बड़ी संख्या में मुस्लिम आबादी को देखते हुए आइएसआइएस ने उन्हें लुभाने की भरसक कोशिश की। लेकिन भारतीय मुसलमानों ने इसे स्वीकार नहीं किया। केवल 50 मुस्लिम युवा ही देश छोड़कर आइएसआइएस के लिए लड़ने सीरिया और इराक गए। इनमें भी अधिकांश केरल से ही थे। इसके साथ ही 50 ऐसे भारतीय मुस्लिम युवा भी आइएसआइएस में शामिल हुए थे, जो विदेशों में रहते थे। वे विदेश से ही सीरिया पहुंच गए थे। दोनों को मिलाने के बाद भी यह संख्या 100 से अधिक नहीं होती है।

तहरीक-ए-इंसाफ नेता की बेटी ने कहा, सेना ने पाकिस्तान को बना दिया जहन्नुम

भारतीय मुस्लिम युवाओं को आइएसआइएस की आकर्षित होने से रोकने में सुरक्षा एजेंसियों ने भी अहम भूमिका निभाई। सोशल मीडिया के सहारे आइएसआइएस में भर्ती का अभियान चलाने वालों को बेंगलुरू और हैदराबाद से गिरफ्तार किया गया। इसके साथ ही सोशल मीडिया पर आइएसआइएस की ओर रूझान दिखाने वाले सैकड़ों युवाओं की पहचान कर उनकी व उनके परिवार वालों की काउंसलिंग की गई। इसके साथ ही खुद को आइएसआइएस की विचारधारा से जोड़कर देखने वाले और देश में आतंकी हमले की योजना बनाने वाले दर्जनों युवाओं को गिरफ्तार भी किया गया।

सुरक्षा एजेंसी से जुड़े वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि भारतीय मुस्लिम युवाओं ने भले ही आइएसआइएस को तवज्जो नहीं दी हो, लेकिन उनमें बढ़ती कट्टरता देश के लिए खतरनाक हो सकती है। इसी को ध्यान में रखते हुए गृहमंत्रालय ने डि रेडिक्लाइजेशन का नया विभाग शुरू किया गया है। जो देश के भीतर कट्टरपन फैलाने वाले संगठनों और व्यक्तियों पर नजर रखेगा और लगाम लगाएगा।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.