ईरान में फंसे 900 भारतीय मछुआरे भुखमरी की कगार पर, भारत सरकार से बचाने की अपील
ईरान में फंसे इन मछुआरों में 700 तमिलनाडु के कन्याकुमारी जिले के और 200 केरल व अन्य राज्यों के हैं।
नई दिल्ली, आइएएनएस। कोरोना वायरस से दुनिया में तीसरे सर्वाधिक प्रभावित देश ईरान में फंसे करीब 900 भारतीय मछुआरे भुखमरी की कगार पर हैं। उन्होंने भारत सरकार से बचाने की अपील की है, लेकिन सरकार ने अभी तक उन्हें बचाने की दिशा में कोई कदम नहीं उठाया है।
ईरान में फंसे इन मछुआरों में 700 तमिलनाडु के कन्याकुमारी जिले के और 200 केरल व अन्य राज्यों के हैं। इनमें से 200 कोरोना वायरस से तो सुरक्षित हैं, लेकिन जिंदा रहने के लिए उन्हें न्यूनतम भोजन उपलब्ध नहीं है। इनमें से एक मछुआरे जानिश ने फोन पर बताया, 'अगर हमें जल्द से जल्द ईरान से नहीं निकाला गया तो कोरोना वायरस से भले ही हम बच जाएं, लेकिन भूख से मर जाएंगे।'
मछुआरों की संस्था नीथल एलुचि परवई ने ईरान में फंसे 800 मछुआरों के नामों की एक सूची उपलब्ध कराई है जिसमें उनके पासपोर्ट नंबर और फोन नंबर भी दर्ज हैं। इस संगठन ने दो मार्च को विदेश मंत्री एस. जयशंकर को पत्र लिखकर सभी 900 मछुआरों को वापस लाने के लिए कदम उठाने का अनुरोध किया था। पत्र में संगठन ने विदेश मंत्री से अनुरोध किया कि मछुआरों को लाने के लिए चार्टर्ड फ्लाइट या जलपोत का इस्तेमाल किया जा सकता है।
600 और भारतीयों को लाने की अनुमति
केंद्र सरकार ने ईरान की महान एयर को वहां फंसे भारतीयों को स्वदेश पहुंचाने की अनुमति प्रदान कर दी है। योजना के मुताबिक दो उड़ानों के जरिये ईरान से करीब 600 भारतीयों को स्वदेश लाया जाएगा। पहली उड़ान 24 मार्च और दूसरी 28 मार्च को भारतीयों को लेकर आएगी। सूत्रों ने बताया कि ये सभी भारतीय कोविड-19 निगेटिव पाए गए हैं। इससे पहले महान और ईरान एयर ने क्रमश: 13 मार्च और 15 मार्च को भारतीयों को स्वदेश पहुंचाया था।