Move to Jagran APP

शुभ ग्रहों के प्रभाव से रफ्तार पकड़ेगी भारतीय अर्थव्यवस्था, वैक्सीन बनने के भी संकेत

ज्योतिषष शास्त्र के विद्वानों कहना है कि शुभ ग्रहों के प्रभाव से कोरोना महामारी के चलते पैदा हुई विश्वव्यापी मंदी के दौरान भी भारतीय अर्थव्यवस्था रफ्तार पकड़ सकती है।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Tue, 26 May 2020 01:31 AM (IST)Updated: Tue, 26 May 2020 01:31 AM (IST)
शुभ ग्रहों के प्रभाव से रफ्तार पकड़ेगी भारतीय अर्थव्यवस्था, वैक्सीन बनने के भी संकेत
शुभ ग्रहों के प्रभाव से रफ्तार पकड़ेगी भारतीय अर्थव्यवस्था, वैक्सीन बनने के भी संकेत

राजेश वर्मा, उज्जैन। कोरोना महामारी के कारण पैदा हुई विश्वव्यापी मंदी के दौरान भी भारतीय अर्थव्यवस्था आने वाले दिनों में रफ्तार पकड़ सकती है। ज्योतिषष शास्त्र के विद्वानों कहना है कि शुभ ग्रहों के प्रभाव इसका संकेत दे रहे हैं। इस अवधि में क्षेत्रीय आधार पर छोटे उद्योगों की स्थापना फायदेमंद रहेगी। युवा उद्यमी भारत में निवेश के लिए आगे आएंगे जिसका फायदा अर्थव्यवस्था की मजबूती के रूप में नजर आएगा। ग्रहों का नक्षत्र परिवर्तन चिकित्सकीय सफलता के रूप में भी सामने आ सकता है।

loksabha election banner

16 जुलाई से गति पकड़ेगी अर्थव्‍यवस्‍था

ज्योतिषाचार्य पं. अमर डब्बावाला ने बताया कि 16 जुलाई आते-आते ग्रहों और नक्षत्र परिवर्तन से लगातार ऐसे योग बनेंगे जो भारतीय अर्थव्यवस्था को उत्तरोत्तर गतिमान बनाए रखेंगे। इसकी शुरआत 24 मई को रात 11.57 बजे बुध के मिथुन राशि में प्रवेश करते ही हो गई है। मिथुन व्यापार व्यवसाय के कारक ग्रह बुध की राशि है। इस राशि में बुध शुभफल प्रदान करते हैं। मिथुन राशि में पहले से ही राहु विद्यमान है। बुध के आने से बुध राहु की युति बनेगी इससे मंद पड़ी अर्थव्‍यवस्‍था रफ्तार पकड़ेगी।

बढ़ेगा का कारोबार और व्‍यापार

पं. डब्बावाला की मानें तो 31 मई को शुक्र पश्चिम दिशा में अस्त होंगे। यह स्थिति व्यापारिक रूपरेखा को नई योजना नीति के रूप में प्रदर्शित करेगी। 9 जून को शुक्र का पूर्व दिशा में उदित होना और 18 जून को मंगल का मीन राशि में प्रवेश करना, वक्री शनि का उत्तराषाढ़ा नक्षत्र के तीसरे चरण में प्रवेश करना वस्तुजनित व्यापार को गति प्रदान करेगा। यही नहीं शनि का उत्तराषाढ़ा नक्षत्र के तीसरे चरण में होना चिकित्सकीय सफलता के रूप में देखा जाएगा। संयोग हैं कि वैज्ञानिक संक्रामक रोग की कारगर वैक्सीन तैयार कर सकते हैं।

साल भर संकट भी बना रहेगा

वहीं ज्योतिर्विद पं. आनंदशंकर व्यास ने कहा कि ग्रह गोचर की स्थिति के लिहाज से साल भर अनेक प्रकार के संकट की स्थिति निरंतर बनी रहने की आशंका है। हालांकि इस दौरान ग्रहों के राशि और नक्षत्र परिवर्तन से शुभ प्रभाव भी बनेंगे। इसका पूरा लाभ लेने के लिए आध्यात्मिक आत्मिक बल की जरूरत होगी। जब तक आध्यात्मिक बल नहीं होगा शत प्रतिशत सफलता नहीं मिलेगी।

जुलाई के बाद अच्‍छा समय

ज्योतिषषाचार्य पं. हरिहर पंड्या ने बताया कि पंचागीय गणना आने वाले दिनों में शुभता के संकेत दे रही है। इस बार वर्षा की स्थिति संतोषप्रद रहेगी। धान्य का उत्पादन भी बढ़ेगा होगा। जुलाई के बाद से श्रेष्ठ समय की शुरूआत होगी। उद्योग व्यापार जगत को पंख लगेंगे। फिलहाल खाद्य प्रसंस्करण जैसी छोटी इकाइयों की स्थापना से फायदा हो सकता है। निवेशक इससे अधिक लाभ कमा सकते हैं।

अगस्त के बाद कम होने लगेगी महामारी

ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक, 21 जून को पड़ने जा रहे सूर्य ग्रहण से ग्रह-नक्षत्रों में हो रहे परिवर्तन के कारण कोरोना संकट से राहत मिल सकती है। मध्य अगस्त के बाद महामारी अपने पतन की ओर होगी। वरिष्ठ ज्योतिष शास्त्री आचार्य डॉ. पवन त्रिपाठी की मानें तो 30 मार्च को बृहस्पति का संचार धनु राशि से मकर राशि में हुआ था जो 30 जून तक जारी रहेगा। 30 जून को बृहस्पति वक्री होकर पुन: धनु राशि में आ जाएंगे। इसी बीच 21 जून को मृगशिरा नक्षत्र में सूर्य ग्रहण पड़ेगा साथ ही मंगल भी शनि की राशि छोड़कर बृहस्पति की राशि में जाएंगे जो महामारी का प्रभाव कम करने में सहायक होंगे।  


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.