नाजुक विश्र्व अर्थव्यवस्था में भारत की स्थिति बेहतर
एफएसडीसी की बैठक में वित्त मंत्रालय के सभी सचिव और रिजर्व बैंक के गवर्नर उर्जित पटेल, वित्तीय क्षेत्र के अन्य नियामक भी मौजूद थे।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। नाजुक दौर से गुजर रही वैश्विक अर्थव्यवस्था में भारत की स्थिति बेहतर है। भारतीय अर्थव्यवस्था के आधारभूत संकेतकों में सुधार आया है। कालेधन पर अंकुश लगाने के लिए किए गए नोटबंदी जैसे उपायों से देश से सकल घरेलू उत्पाद पर सकारात्मक प्रभाव पड़ने की उम्मीद है।
वित्त मंत्री अरुण जेटली की अध्यक्षता में वित्तीय स्थिरता और विकास परिषद (एफएसडीसी) की बैठक में अर्थव्यवस्था के समक्ष चुनौतियों और प्रमुख मुद्दों का जायजा लिया। बताया जाता है कि वित्त मंत्री ने एफएसडीसी के सदस्यों तथा तथा वित्तीय क्षेत्र के प्रतिनिधियों के साथ आम बजट 2017-18 के संबंध में भी चर्चा की। बैठक के बाद जेटली ने कहा कि वैश्रि्वक अर्थव्यवस्था नाजुक स्थिति में है लेकिन भारत के आधारभूत आर्थिक संकेतकों में सुधार के साथ भारतीय अर्थव्यवस्था काफी बेहतर है।
एफएसडीसी की बैठक में वित्त मंत्रालय के सभी सचिव और रिजर्व बैंक के गवर्नर उर्जित पटेल, वित्तीय क्षेत्र के अन्य नियामक भी मौजूद थे। एफएसडीसी ने बैंकों के फंसे कर्ज की स्थिति की समीक्षा भी की।
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बैठक के बाद वित्त मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि भारत मैक्रो-इकनॉमिक संकेतकों में सुधार के साथ आज काफी बेहतर स्थिति में है। परिषद ने यह भी माना कि कालेधन को समाप्त करने के लिए नोटबंदी सहित सरकार की ओर से किए गए उपायों के आगामी दिनों में जीडीपी और राजकोषीय संतुलन पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेंगे।
एफएसडीसी की बैठक में मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमण्यम ने अर्थव्यवस्था की स्थिति पर प्रेजेंटेशन दिया। इसके अलावा वित्तीय क्षेत्र के नियामकों ने आगामी आम बजट के संबंध में अपने सुझाव भी दिए। काउंसिल ने बैंकिंग क्षेत्र में फंसे कर्ज की समस्या पर चर्चा करते हुए सरकार की ओर से इस दिशा मंे किए जा रहे प्रयासों पर भी चर्चा की।
बैठक में वित्त सचिव अशोक लवासा, आर्थिक कार्य विभाग के सचिव शक्तिकांत दास, वित्तीय सेवा विभाग की सचिव अंजुली चिब दुग्गल, राजस्व सचिव हसमुख अढिया, विनिवेश सचिव नीरज कुमार गुप्ता, सेबी अध्यक्ष यू के सिन्हा, आइआरडीए के अध्यक्ष टी एस विजयन और पीएफआरडीए के अध्यक्ष हेमंत जी कान्ट्रेक्टर मौजूद रहे।
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