नई दिल्ली, आनलाइन डेस्क। भारतीय सेना बीते 5 सालों में काफी मजबूत हुई है। LAC हो या LOC, दुशमन को माकूल जवाब देने के लिए सेना को भारत सरकार ने रक्षा उत्पादों का भारी जखीरा देने का काम किया है। इसका अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि भारत ने पिछले पांच वर्षों में अमेरिका, रूस, फ्रांस, इजरायल और स्पेन जैसे देशों से 1.9 लाख करोड़ रुपये के सैन्य (India Defence Import) सामान खरीदे हैं।

असॉल्ट राइफलें से लेकर रॉकेट तक खरीदे

भारत ने विदेशों से सैन्य उत्पादों में हेलीकॉप्टर, रॉकेट, बंदूकें, असॉल्ट राइफल, विमान राडार, मिसाइल और गोला-बारूद खरीदे हैं। रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट ने शुक्रवार को लोकसभा में बताया कि भारत ने 2017-2018 में सैन्य उपकरणों के लिए 264 सौदों पर हस्ताक्षर किए हैं। इसमें से विदेशी विक्रेताओं के साथ 88 सौदे शामिल हैं।

विदेशों से 5 सालों में खरीद का लेखा-जोखा

  • 2017-18 में 30,677 करोड़ रुपये के सैन्य सामान खरीदे गए।
  • 2018-19 में सरकार ने 38,116 करोड़ के उत्पाद खरीदे।
  • 2019-20 में 40,330 करोड़ की खरीद की। 
  • 2020-21 में 43,916 करोड़ के सैन्य उत्पाद खरीदे।
  • 2021-22 में 40,840 करोड़ रुपये की खरीद हुई।  

स्वदेशी रक्षा क्षमता को बढ़ाने पर भी ध्यान

अज्य भट्ट ने बीते दिन बताया कि सरकार 'आत्मनिर्भर भारत' और 'मेक इन इंडिया' पर ध्यान दे रही है। उन्होंने बताया कि स्वदेशी रक्षा क्षमता को बढ़ाने और आयात पर निर्भरता को कम करने के लिए कई पहल शुरू की गई है। इसके अलावा, कई मिसाइलों को बनाने का काम भी अब देश में हो रहा है।

सैन्य खर्च करने पर भारत तीसरे स्थान पर

बता दें कि भारत दुनिया में सैन्य सामानों पर खर्चा करने वाले देशों की सूची में तीसरे स्थान पर है। सैन्य उत्पादों की खरीद में हम रूस और ब्रिटेन से भी आगे हैं, लेकिन चीन से काफी पीछे हैं। चीन का रक्षा बजट भारत से चार गुना और अमेरिका का 10 गुना है। 

Edited By: Mahen Khanna