कोविड-19 के लिए वैक्सीन विकसित करेगी भारतीय कंपनी, आइआइएल ने किया ग्रिफिथ विवि के साथ करार
आइआइएल पशुओं में होने वाले खुरपका-मुहपका जैसे वायरल रोग के लिए वैक्सीन बनाने वाली सबसे बड़ी कंपनी है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। इंडियन इम्यूनोलॉजिकल लिमिटेड कंपनी ने आस्ट्रेलिया के ग्रिफिथ यूनिवर्सिटी के साथ मिलकर कोविड-19 के लिए एक वैक्सीन विकसित करने का फैसला किया है। इसके लिए दोनों के बीच एक समझौता हुआ है। भारतीय कंपनी आइआइएल राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (एनडीडीबी) की सहायक कंपनी है।
आइआइएल आस्ट्रेलिया के ग्रिफिथ यूनिवर्सिटी के साथ मिलकर करेगी काम
इन कंपनियों के चेयरमैन दिलीप रथ ने बताया कि इस वैक्सीन विकसित करने वाली इस परियोजना में आइआइएल और ग्रिफिथ यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिक संयुक्त रूप से काम करेंगे। परियोजना के तहत कोडन डे-आप्टिमाइजेशन तकनीक की मदद से एक लाइव अटाइनोंवाटेड सार्स-कोव-2 या कोविड-19 वैक्सीन विकसित की जाएगी। इस वैक्सीन लंबे समय तक सुरक्षा प्रदान कर सकती है।
आइआइएल कंपनी पशु चिकित्सा के क्षेत्र में एक बड़ी कंपनी है
रथ ने बताया कि अनुसंधान पूरा हो जाने के बाद वैक्सीन स्ट्रेन को आइआइएल में स्थानांतरित कर दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि आइआइएल कंपनी पशु चिकित्सा के क्षेत्र में एक बड़ी कंपनी है, जो मानव स्वास्थ्य के क्षेत्र में वैक्सीन विकसित करने के लिए प्रतिबद्ध है। इसमें तैयार होने वाली वैक्सीन उच्च गुणवत्ता के साथ किफायती भी हो सकता है। आइआइएल पशुओं में होने वाले 'खुरपका-मुहपका' जैसे वायरल रोग के लिए वैक्सीन बनाने वाली सबसे बड़ी कंपनी है।
आइआइएल ग्रिफिथ यूनिवर्सिटी के साथ जीका वैक्सीन के क्षेत्र में अनुसंधान कर रही है
आस्ट्रेलिया की ग्रिफिथ यूनिवर्सिटी के साथ यह कंपनी पहले से ही जीका वैक्सीन के क्षेत्र में अनुसंधान व विकास कर रही है। फिलहाल यह वैक्सीन क्लीनिकल विष विज्ञान परीक्षण के चरण में है।
दवा मिलने के बाद बदले सुर
महामारी के इस दौर में जीवनदायी समझी जा रही हाइड्रोक्सीक्लोरोक्विन (एचसीक्यू) की आपूर्ति करने का जैसे ही भारत ने आश्वासन दिया दूसरे देशों के सुर बदलने लगे। एक दिन पहले तक भारत को परोक्ष तौर पर धमकी देने वाले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पीएम नरेंद्र मोदी को एक महान व्यक्ति बताया है। जबकि ब्राजील के राष्ट्रपति बोलसारानो ने तो पीएम मोदी की तुलना भगवान हनुमान से कर दी है।