चीन के गलवन घाटी के वीडियो में दिखी भारतीय कैप्टन की बहादुरी, संघर्ष में किया साथियों का नेतृत्व
मणिपुर के सेनापति जिले के रहने वाले और बिहार रेजीमेंट के यह अधिकारी वर्ष 2018 में सेना में शामिल हुए थे। चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के खिलाफ गलवन घाटी में हुए संघर्ष के दौरान उन्हें आगे रहकर अपने साथियों का नेतृत्व करते हुए देखा जा सकता है।
नई दिल्ली, आइएएनएस। मनोवैज्ञानिक युद्ध के तहत चीन की ओर इंटरनेट मीडिया पर जारी गलवन संघर्ष के वीडियो में भारतीय सैन्य अधिकारी की बहादुरी को साफ तौर पर देखा जा सकता है। कैप्टन रैंक के इस अधिकारी की पहचान भारतीय सेना के अनुरोध पर उजागर नहीं की गई है, लेकिन गणतंत्र दिवस पर उनकी बहादुरी का भी उल्लेख हुआ था। मणिपुर के सेनापति जिले के रहने वाले और बिहार रेजीमेंट के यह अधिकारी वर्ष 2018 में सेना में शामिल हुए थे। चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के खिलाफ गलवन घाटी में हुए संघर्ष के दौरान उन्हें आगे रहकर अपने साथियों का नेतृत्व करते हुए देखा जा सकता है।
भारतीय क्षेत्र में घुसपैठ रोकने के लिए उन्हें वीडियो में निहत्था ही चीनी सैनिकों की ओर बढ़ते हुए देखा जा सकता है। चीन ने यह वीडियो शुक्रवार को जारी किया था और यह इंटरनेट मीडिया के सभी प्लेटफार्म्स पर वायरल हो गया है। चीन ने इस प्रोपेगेंडा वीडियो को जारी करते हुए भारतीय सेना पर आक्रामक रुख अपनाने का आरोप लगाया है। चीन का कहना है कि भारतीय सेना के आक्रमक रुख के चलते ही गलवन घाटी में झड़प की घटना हुई थी। समाचार एजेंसी आइएएनएस के मुताबिक चीन ने सोशल मीडिया पर जारी इस वीडियो में आरोप लगाया है कि भारतीय सेना के आक्रामक रुख के चलते ही गलवन में झड़प हुई थी।
भारतीय सेना ने दिखाया सौहार्द
भारतीय सेना ने सैन्य कमांडर स्तर की वार्ता की गंभीरता को देखते हुए अभी इस वीडियो पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। इस वीडियो को चीन के एक निजी समाचार संस्थान की ओर से जारी किया गया।
चीनी सेना के मंसूबों पर फिरा था पानी
ज्ञात रहे कि गलवन घाटी में 15 जून को भारतीय सेना के बिहार रेजिमेंट के सैनिकों ने कर्नल संतोष बाबू के नेतृत्व में बिना किसी हथियार के भारतीय इलाके में अवैध रूप से घुस आए चीनी सैनिकों से जमकर लोहा लिया था। भारतीय सैनिकों से तीन गुने से भी ज्यादा संख्या में आए चीनी सैनिकों के हाथ में लोहे की राड, नुकीली लाठियां-डंडे से लेकर पत्थर और धारदार हथियार थे। गलवन घाटी में अवैध पोस्ट बनाने के चीनी सेना के मंसूबों पर पानी फेरते हुए बहादुर भारतीय सैनिकों ने बिना हथियारों के ही घंटों संघर्ष करते हुए पीछे हटने पर मजबूर कर दिया था और इसी दौरान कर्नल बाबू समेत 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे।