भारतीय छात्र ने अब्दुल कलाम के नाम से बनाया दुनिया का सबसे छोटा सैटेलाइट
ह उपग्रह अंतरिक्ष के सूक्ष्म-गुरुत्वाकर्षण (माइक्रो-ग्रेविटी) वाले वातावरण में करीब 12 मिनट तक संचालित होगा। हमने इस सैटेलाइट को बेकार चीजों से तैयार किया है।
वॉशिंगटन, जेएनएन। अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा अगले माह 21 जून को तमिलनाडु के 12वीं के 18 वर्षीय छात्र रिफत शारूक का सैटेलाइट लॉन्च करेगा। इसे दुनिया का सबसे छोटा और सबसे कम वजन (64 ग्राम) का सैटेलाइट माना जा रहा है।
सैटेलाइट का नाम 'कलामसैट' है। इसे एपीजे अब्दुल कलाम के नाम पर रखा गया है। रिफत 12वीं क्लास में पढ़ता है। नासा पहली बार किसी भारतीय छात्र के एक्सपेरियमेंट को अपने मिशन में शामिल कर रहा है।
शारूक का चयन 'क्यूब्ज इन स्पेस' नामक कार्यक्रम के जरिए हुआ है। नई प्रतिभाओं की तलाश के मकसद से इस कार्यक्रम को नासा और 'आई डूडल लर्निंग' ने आयोजित किया था।
टाइम्स ऑफ इंडिया से बातचीत में शारूक ने बताया, 'यह उपग्रह अंतरिक्ष के सूक्ष्म-गुरुत्वाकर्षण (माइक्रो-ग्रेविटी) वाले वातावरण में करीब 12 मिनट तक संचालित होगा। इस दौरान यह 3-डी प्रिंटेड कार्बन फाइबर के कार्य-निष्पादन (परफॉर्मेंस) को प्रदर्शित करेगा। हमने इस सैटेलाइट को बेकार चीजों से तैयार किया है।'
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