केंद्र सरकार ने दी 118 उन्नत स्वदेशी अर्जुन टैंकों समेत 13,700 करोड़ के हथियारों की खरीद को मंजूरी
रक्षा मंत्रालय ने मंगलवार को 6000 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से भारतीय सेना के लिए 118 अर्जुन मार्क 1 ए टैंकों के अधिग्रहण को मंजूरी दे दी। डीआरडीओ द्वारा विकसित किया गया टैंक अनुबंध पर हस्ताक्षर करने के 30 महीने के भीतर डिलीवरी के लिए तैयार होगा।
नई दिल्ली, एजेंसियां। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में हुई रक्षा खरीद परिषद की बैठक में मंगलवार को 13,700 करोड़ रुपये की लागत से विभिन्न हथियारों और उपकरणों की खरीद को मंजूरी प्रदान कर दी गई। इनमें स्वदेश निर्मित 118 मार्क-1ए अर्जुन टैंक शामिल हैं। रक्षा मंत्रालय की ओर से जारी एक बयान के मुताबिक, रक्षा खरीद परिषद ने थलसेना, नौसेना और वायुसेना की जरूरतों के मुताबिक विभिन्न हथियारों, प्लेटफार्म, उपकरणों और प्रणालियों के पूंजीगत खरीद प्रस्तावों को मंजूरी प्रदान कर दी। इनमें 118 अर्जुन टैंकों के साथ-साथ 820 बख्तरबंद वाहन भी शामिल हैं। इन सभी खरीद प्रस्तावों का डिजायन, विकास और उत्पादन देश में किया जाएगा।
परिषद ने इस बात को भी मंजूरी प्रदान कर दी कि सभी पूंजीगत खरीद अनुबंधों को दो साल में पूरा किया जाएगा। इनमें डिजायन और विकास (डी एंड डी) के मामले शामिल नहीं हैं। इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए मंत्रालय तीनों सेनाओं और सभी पक्षों से परामर्श करके विस्तृत कार्ययोजना बनाएगा। यह टैंक पूरी तरह से स्वदेशी है। इसके डिजाइन से लेकर विकास और मैन्युफैक्चरिंग तक का काम देश में ही किया गया है। रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) ने इसे विकसित किया है।
Defence Ministry today cleared the acquisition of 118 Arjun Mark1A tanks for the Indian Army at a cost of more than Rs 6,000 crores. The 58-tonne weight DRDO-developed tanks would be ready for delivery within 30 months of signing the contract: Defence officials
(file photo) pic.twitter.com/ySfNd8Btn9— ANI (@ANI) February 23, 2021
मिसाइल पोत निर्माण के लिए कोचीन शिपयार्ड की सबसे कम बोली
भारतीय नौसेना के लिए अगली पीढ़ी के छह मिसाइल युद्धपोत बनाने के करीब 10 हजार करोड़ के ठेके के लिए कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड (सीएसएल) की बोली सबसे कम पाई गई है। कंपनी के मुताबिक, इस संबंध में आवश्यक औपचारिकताओं को संतोषजनक तरीके से पूरा करने के बाद ही इस ठेके की अंतिम घोषणा की जाएगी।
ग्रेनेड और मिसाइलों से हमले का कोई असर नहीं
ज्ञात हो कि अर्जुन टैंक में 71 बड़े बदलाव के बाद एमके-1ए को तैयार किया गया है। यह किसी भी तेजी से लक्ष्य का पीछा कर हमला करने में सक्षम है। इसकी रात या दिन, हर वक्त, हर मौसम में अपने लक्ष्य पर अचूक लगाने की क्षमता है। इसमें लगे दमदार ट्रांसमिशन सिस्टम है इसे ज्यादा घातक बनाते हैं। युद्ध में ज्यादा से ज्यादा दूरी तक दुश्मन के सैन्य साजो-सामानों को ध्वस्त करने की क्षमता है। इस पर ग्रेनेड और मिसाइलों से हमले का कोई असर नहीं होगा। रासायनिक हमले से बचाने के लिए इसमें स्पेशल सेंसर लगाए गए हैं।
पिछले दिनों पीएम मोदी ने चेन्नई में सेना प्रमुख एमएन नरवाने को अर्जुन टैंक का मार्क-1ए वर्जन सौंपा था। पीएम मोदी ने कहा कि यह भारत की एकजुट भावना का प्रतीक भी है, क्योंकि दक्षिण भारत में निर्मित बख्तरबंद वाहन देश की उत्तरी सीमाओं की सुरक्षा करेंगे।