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भारतीय सेना को मिलेंगी 72 हजार अमेरिकी असाल्ट राइफलें, मौजूदा हथियारों की जगह किया जाएगा इस्तेमाल

भारत-चीन तनाव के बीच भारतीय सेना अमेरिका से 72000 सिग 716 असॉल्ट राइफलों का ऑर्डर देने जा रही है।

By Dhyanendra SinghEdited By: Published: Sun, 12 Jul 2020 05:14 PM (IST)Updated: Mon, 13 Jul 2020 01:50 AM (IST)
भारतीय सेना को मिलेंगी 72 हजार अमेरिकी असाल्ट राइफलें, मौजूदा हथियारों की जगह किया जाएगा इस्तेमाल
भारतीय सेना को मिलेंगी 72 हजार अमेरिकी असाल्ट राइफलें, मौजूदा हथियारों की जगह किया जाएगा इस्तेमाल

नई दिल्ली, एएनआइ। भारत-चीन तनाव के बीच रक्षा मंत्रालय अब अमेरिका से और 72 हजार सिग 716 असॉल्ट राइफलों का ऑर्डर देने जा रही है। यह दूसरे बैच की राइफलें होंगी, जो पहले ही उत्तरी कमान और अन्य ऑपरेशनल इलाकों में सैनिकों के इस्तेमाल के लिए सेना को पहुंचाई जा चुकी हैं।

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रक्षा सूत्रों के अनुसार, भारतीय सेना के अधिकारी ने कहा कि हम सशस्त्र बलों को दी गई वित्तीय शक्तियों के तहत इनमें से 72 हजार से अधिक राइफलों के लिए ऑर्डर देने जा रहे हैं। भारतीय सेना को अपने आतंकवाद-रोधी अभियानों को बढ़ावा देने के लिए सिग सॉयर असॉल्ट राइफलों की पहली खेप मिली थी। भारत ने फास्ट ट्रैक खरीद के तहत राइफलों का प्राप्त किया था। नई राइफलों को मौजूदा भारतीय स्माल आ‌र्म्स सिस्टम (FTP) 5.56 गुणा 45 एमएम राइफलों की जगह इस्तेमाल किया जाएगा और स्थानीय रूप से आयुध कारखाना बोर्ड की ओर से निर्मित किया जाएगा।

भारतीय सेना के राइफलों की बदलने की हो रही थी कोशिश

भारतीय सेना की एक योजना के अनुसार, आतंकवाद निरोधी अभियानों और नियंत्रण रेखा पर तैनात सैनिकों के लिए लगभग 1.5 लाख आयातित राइफलों का उपयोग किया जाना था, शेष सेनाओं को एके-203 राइफलों के साथ प्रदान किया जाएगा। जो कि अमेठी आयुध कारखाने में भारत और रूस द्वारा संयुक्त रूप से उत्पादन किया जाएगा। भारतीय सेना कई वर्षो से अपने मानक इनसास असॉल्ट राइफलों को बदलने की कोशिश कर रही थी लेकिन यह प्रयास बार-बार विफल हो रहे थे। दूसरी ओर अभी हाल ही में रक्षा मंत्रालय ने इन राइफलों की कमी को दूर करने के लिए इजरायल से भी 16,000 लाइट मशीन गन का ऑर्डर दिया था।

भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में तनाव की स्थिति है। चीनी सेना ने मई के पहले सप्ताह से बिना किसी उकसावे के अपने 20,000 से अधिक सैनिकों को वहां तैनात किया है। हालांकि, दोनों देशों की आपसी सहमति के बाद गलवन क्षेत्र से चीनी सैनिक तीन किलोमीटर पीछे हट गए हैं और भारतीय सेना भी उतनी ही पीछे हटी है।


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