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चीन से तनाव के बीच सीमा पर तैनात किए जाएंगे अमेरिकी और इजरायली ड्रोन, हो रही डील

Surveillance along China border पूर्वी लद्दाख में सीमा पर भारत-चीन के बीच तनाव के मद्देनजर भारतीय सेना की मदद को सामने आए अमेरिका और इजरायल की ओर से सीमा की निगरानी के लिए ड्रोन देने की खबर है।

By Monika MinalEdited By: Published: Thu, 26 Nov 2020 02:34 PM (IST)Updated: Thu, 26 Nov 2020 04:30 PM (IST)
चीन से तनाव के बीच सीमा पर तैनात किए जाएंगे अमेरिकी और इजरायली ड्रोन, हो रही डील
चीन की सीमा पर नजर रखेगा भारत, इजरायल व अमेरिका से खरीदेगा ड्रोन

नई दिल्‍ली, एएनआइ। चीन पर नजर रखने के लिए भारतीय सेना अमेरिका और इजरायल से निर्मित ड्रोन का सौदा कर रही है। दरअसल, चीन सीमा के पास निगरानी के लिए भारतीय सेना को दोनों देशों की ओर से ड्रोन की डील की बात सामने आई है। इसके तहत इजरायली हीरोन (Heron) और अमेरिकी मिनी ड्रोन भारत की सेना को पूर्वी लद्दाख में चीन पर नजर बनाए रखने में मदद करेगा। 

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इजरायल से ड्रोन 'हीरोन' के अधिग्रहण की डील अंतिम चरण में है और दिसंबर में इसके पूरा होने की करीब है। हीरोन ड्रोन को चीन से जुड़ी लद्दाख सीमा में तैनात किया जाएगा। बता दें कि चीन से तनाव के बाद मौजूदा भारतीय सुरक्षाबल को पहले से कहीं अधिक एडवांस होना होगा। इन ड्रोन्‍स का अधिग्रहण पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्‍व में मंजूर की गई वित्‍तीय पावर के तहत किया जा रहा है। इससे 500 करोड़ रुपये की कीमत वाले सिस्‍टम व उपकरणों को खरीदा जा सकता है जो किसी भी जंग के लिए सक्षम हों। सूत्रों के अनुसार, अमेरिका से डील के तहत प्राप्‍त होने वाले मिनी ड्रोन बटालियन स्‍तर पर सैनिकों को दिए जाएंगे और हाथ से ऑपरेट करने वाले इन ड्रोनों के जरिए किसी खास लोकेशन या उस संबंधित इलाके के बारे में पता लगाया जाएगा। 

दोनों देशों के साथ ड्रोन की डील संपन्‍न होने के बाद भारतीय सेना की सामरिक ताकतों में भारी इजाफा हो जाएगा। ये ड्रोन पूर्वी लद्दाख और चीन से लगते अन्य सीमाई इलाकों में सुरक्षाबलों की सर्विलांस क्षमता को और बढ़ाने में मदद करेंगे। इजरायल के हीरोन सर्विलांस ड्रोन की डील अंतिम फेज में पहुंच चुकी है। दिसंबर के अंत तक डील के पूरी होने की उम्मीद जताई गई है। 

भारतीय सुरक्षाबलों की तरफ से इन हथियारों  की खरीद से वास्तविक नियंत्रण रेखा के पास चीन के साथ जारी तनाव को कम करने में भारत को मदद मिलेगी। आखिरी बार सुरक्षाबलों को यह सुविधा उस वक्त दी गई थी जब पिछले साल 2019 में पाकिस्तान स्थित बालाकोट में आतंकियों के ऊपर हवाई हमले किए गए थे। इस पावर का इस्तेमाल करते हुए भारतीय नौसेना ने दो प्रीडेटर ड्रोन्स अमेरिकन कंपनी जनरल एटोमिक्स से लीज पर लिया है।


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