चीन से तनातनी के कारण एलएसी पर भारतीय सेना ने किया पांच साल का काम एक साल में पूरा
चीनी सेना के साथ एक साल से अधिक समय से जारी सैन्य गतिरोध के बीच भारतीय सेना ने बुनियादी ढांचा विकसित कर लिया है। अब वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर लद्दाख सेक्टर और अन्य क्षेत्रों में बनाए गए आवासों में सैनिकों को समायोजित करने की क्षमता विकसित की गई है।
नई दिल्ली, एएनआइ। चीनी सेना के साथ एक साल से अधिक समय से जारी सैन्य गतिरोध के बीच भारतीय सेना ने बुनियादी ढांचा विकसित कर लिया है। भारतीय सेना ने अगले पांच वर्षो के लिए नियोजित कार्य को पिछले 12 महीनों में पूरा कर लिया है। सरकारी सूत्रों ने यह जानकारी दी है। वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर लद्दाख सेक्टर और अन्य इलाकों में बनाए गए रिहायशी ठिकानों में अब बड़ी संख्या में सैनिकों को रखा जा सकता है।
इन रिहायशी स्थानों के बनने से लद्दाख के बेहद सर्द मौसम के दौरान भी सैनिकों को कुशलता से काम करने और वहां तब भी तैनात रहने में मदद मिलेगी जब तापमान शून्य से 45 डिग्री नीचे चला जाता है। सूत्रों ने बताया कि नए बनाए गए रिहायशी ठिकानों में वर्तमान में सिर्फ लद्दाख सेक्टर में तैनात सैनिकों से दोगुनी संख्या में सैनिकों को समायोजित किया जा सकता है।
अनुमान के मुताबिक, भारत और चीन दोनों ने इस साल की शुरुआत में पैंगोंग झील क्षेत्र में अपनी सेना हटाने के बावजूद पूर्वी लद्दाख सेक्टर में एक-दूसरे के सामने 50,000 से अधिक सैनिकों को तैनात किया है।
सीमा क्षेत्रों में विकसित किया जा रहा बुनियादी ढांचा
सूत्रों का कहना है कि इंजीनियरिंग कोर अभी भी एलएसी पर बुनियादी ढांचों के निर्माण में लगी हुई है ताकि जरूरत पड़ने पर अतिरिक्त सैन्य बल वहां से अभियान चला सकें और रह सकें। भारत एलएसी पर सभी सेक्टरों में सड़क ढांचे विकसित करने में भी जुटा है और निमु-पद्म-दारचा एक्सिस पर काम तेज कर दिया है ताकि देश के सभी हिस्सों से पूरे साल लद्दाख तक सैनिकों के मूवमेंट में मदद मिल सके। रक्षा मंत्रालय भी जल्द ही बीआरओ को नई सड़क पर कनेक्टिविटी के लिए 4.5 किलोमीटर लंबी सुरंग बनाने की अनुमति देने के प्रस्ताव को मंजूरी देने के लिए तैयार है।
पिछले साल अप्रैल-मई माह में भारत और चीन की सेना में हुआ था टकराव
सेना के इंजीनियरों द्वारा सभी अग्रिम स्थानों के लिए संपर्क के लिए सड़क का निर्माण भी नियत तारीखों से काफी पहले उपलब्ध करा दिया गया है। भारत और चीन के बीच सैन्य गतिरोध पिछले साल अप्रैल-मई महीने में शुरू हुआ था, जब चीन ने पूर्वी लद्दाख क्षेत्रों में भारतीय क्षेत्र में सैनिकों को हटाने के लिए ग्रीष्मकालीन सैन्य अभ्यास का इस्तेमाल किया था, जबकि उन्होंने सिक्किम सेक्टर और पूर्वोत्तर में अन्य स्थानों पर भारत पर दबाव बनाने के लिए सैनिकों की तैनाती की थी।