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India-China Border News: किरेन रिजिजू बोले, चीनी सेना ने माना, अरुणाचल के लापता युवक हैं उसके पास

India-China Border News केंद्रीय मंत्री ने कहा कि पीएलए ने पुष्टि की है अरुणाचल प्रदेश से लापता युवा उनकी तरफ पाए गए हैं।

By Manish PandeyEdited By: Published: Tue, 08 Sep 2020 11:18 AM (IST)Updated: Tue, 08 Sep 2020 06:11 PM (IST)
India-China Border News: किरेन रिजिजू बोले, चीनी सेना ने माना, अरुणाचल के लापता युवक हैं उसके पास
India-China Border News: किरेन रिजिजू बोले, चीनी सेना ने माना, अरुणाचल के लापता युवक हैं उसके पास

नई दिल्ली, एएनआइ। पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर भारत और चीन के बीच जारी तनाव को लेकर भारतीय सेना का बयान आया है। सेना ने चीन के झूठे दावे की पोल खोलते हुए कहा है कि पीएलए के जवानों ने उकसावे की कार्रवाई की है। हमने न तो लाइन ऑफ एक्‍चुअल कंट्रोल को पार किया और न ही हमने चीन की तरफ कोई फायरिंग की। तनाव कम करने के लिए सैन्य, कूटनीतिक और राजनीतिक स्तर पर दोनों देशों के बीच हो रही बातचीत के बाद भी चीन लगातार समझौते का उल्लंघन कर रहा है। 

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वहीं, इस मामले पर केंद्रीय मंत्री रिजिजू ने कहा कि भारतीय सेना की तरफ से भेजे गए हॉटलाइन संदेश पर चीन की पीएलए ने जवाब दिया है। उन्होंने पुष्टि की है, अरुणाचल प्रदेश से लापता युवा उनकी तरफ पाए गए हैं। उन्हें अधिकारियों को सौंपे जाने की आगे की आपौचारिकताओं पर काम किया जा रहा है।

भारतीय सेना ने चीन के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि भारत एलएसी पर डिसइंगेजमेंट और हालात को डी-एस्केलेट करने के लिए प्रतिबद्ध है। वहीं, चीन स्थिति को बढ़ाने के लिए उकसावे वाली ​गतिविधियों को जारी ​रखे हुए है। किसी भी चरण में भारतीय सेना ने एलएसी को पार नहीं किया और फायरिंग समेत किसी भी आक्रामक तरीके का इस्तेमाल नहीं किया।

सेना ने पूरी घटना पर प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा कि 7 सितंबर को पीएलए के जवानों ने एलएसी से लगी हुई हमारी एक फॉरवर्ड पोजिशन के करीब आने की कोशिश की। जब हमारे जवानों ने इसका जवाब दिया तो चीन की सेना ने हमारे जवानों को धमकी देने के अंदाज में हवाई फायरिंग की। हालांकि, इस गंभीर उकसावे के बावजूद हमारी सेना ने जिम्मेदार और परिपक्व तरीके से मौके को संभाला।

चीन ने फिर अलापा पुराना राग

भारत की तरफ से चीर के आरोपों को पूरी तरह से खारिज किए जाने के बाद चीन ने फिर अपना पुराना राग अलापा है। चीन के विदेश मंत्रालय ने कहा है कि 7 सितंबर को भारतीय सैनिकों ने अवैध तरीके से एलएसी पार की और पैंगोंग त्सो के दक्षिणी किनारे पर पहुंच गए। चीनी विदेश मंत्रालय ने अपने आरोप में यह भी कहा कि भारतीय सैनिकों ने पैट्रोलिंग कर रहे हमारे सैनिकों पर फायरिंग की। 1975 से ये पहली बार है जब फा​यरिंग की वजह से शांति बाधित हुई है। हमने हमेशा इस बात पर जोर दिया है कि दोनों पक्षों को शांतिपूर्ण तरीके से बातचीत के जरिए अपने मतभेदों को सुलझाना चाहिए।

45 साल बाद फायरिंग की घटना

भारत-चीन सीमा पर पिछली बार 1975 में गोलियां चली थीं। उस समय अरुणाचल प्रदेश के तुलुंग ला में असम राइफल्स के जवानों की पैट्रोलिंग टीम पर हमला हुआ था, जिसमें कई जवान शहीद हुए थे। 1993 में भारत और चीन के बीच एक समझौता हुआ था, जिसमें सहमति बनी थी दोनों देश सीमा पर किसी भी हाल में फायरिंग नहीं करेंगे। 

पहले भी कर चुका है उकसावे वाली कार्रवाई

हाल के महीनों में चीनी सेना कई बार उकसावे वाली कार्रवाई कर चुकी है। 29 और 30 अगस्त को चीनी सैनिकों ने पैंगोंग झील के दक्षिण तट पर घुसपैठ की कोशिश की थी। जिसे भारतीय जवानों ने पूरी तरह से नाकाम कर दिया। इससे पहले 15 जून को गलवन घाटी में भी दोनों देशों के सैनिकों के बीच हिंसक झड़प हुई थी।

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