Move to Jagran APP

अब सेना के पास आए ऐसे यंत्र, दुश्मन को नहीं बचा सकता कोई तंत्र

ऐसे हालात में जम्मू कश्मीर में भारतीय सेना के बेड़े में इजरायल, स्विट्जरलैंड, रूस, दक्षिण अफ्रीका व कनाडा जैसे देशों से लाए गए आधुनिक यंत्र शामिल किए जा रहे हैं।

By Vikas JangraEdited By: Published: Fri, 10 Aug 2018 11:06 PM (IST)Updated: Sat, 11 Aug 2018 07:07 AM (IST)
अब सेना के पास आए ऐसे यंत्र, दुश्मन को नहीं बचा सकता कोई तंत्र
अब सेना के पास आए ऐसे यंत्र, दुश्मन को नहीं बचा सकता कोई तंत्र

जम्मू [विवेक सिंह]। चीन और पाकिस्तान जैसे देशों से लगती सीमा की रक्षा के लिए भारतीय सेना में आधुनिक यंत्र शामिल किए जा रहे हैं। परोक्ष युद्ध के चलते सीमा पार से दुश्मन छिपकर वार करता है। आतंकियों की घुसपैठ करवाने के साथ आइईडी विस्फोट कर नुकसान पहुंचाने की ताक में रहता है। ऐसे हालात में जम्मू कश्मीर में भारतीय सेना के बेड़े में इजरायल, स्विट्जरलैंड, रूस, दक्षिण अफ्रीका व कनाडा जैसे देशों से लाए गए आधुनिक यंत्र शामिल किए जा रहे हैं।

loksabha election banner

राज्य में सेना के पास मानवरहित विमान यूएवी, बैटलफील्ड सर्वेलांस रडार, लांग रेंज रिकांसांस एंड आब्जर्वेशन सिस्टम लोरोस हैं। थर्मल इमेजिंग इंटेंसीफिकेशन आब्जर्वेशन इक्यूपमेंट, नाईट विजन व हैंड हेल्ड थर्मल इमेजर नियंत्रण रेखा पर घुसपैठ की कोशिशों को नाकाम बना रहे हैं। शुक्रवार को सेना की टाइगर डिवीजन की प्रदर्शनी में ऐसे उपकरण आकर्षण का केंद्र रहे। ये उपकरण अंधेरे में वार करने वाले दुश्मन को सबक सिखाने के लिए हैं।

वहीं, सीमा पार से छिपकर स्नाइपर राइफल से वार करने वाले दुश्मन को सबक सिखाने के लिए सेना के पास दक्षिण अफ्रीका में बनी एंटी मैटीरियल राइफल्स हैं, जो आम राइफल से कहीं अधिक दूर तक न सिर्फ सटीक मार करती हैं बल्कि कई चीजों को भेदते हुए छिपे दुश्मन पर भी आघात करती हैं।

एंटी मैटीरियल राइफल एक बड़ी स्नाइपर गन है, जिस पर लगी दूरबीन से लक्ष्य को दूर तक देखा जा सकता है। आम स्नाइपर गन के बाद अब सेना में जरूरत को देखते हुए एएमआर राइफलों की संख्या भी बढ़ रही है। जम्मू कश्मीर में आतंकियों द्वारा नुकसान पहुंचाने के लिए आइईडी विस्फोट करना भी एक बड़ी चुनौती है। इस चुनौती का मुकाबला करने में भी आधुनिक तकनीक काम कर रही है।
Image result for indian army thermal imaging

सेना के पास राज्य में ब्रिटेन निर्मित नान लीनियर जंक्शन डिटेक्टर है, जो सवा फुट जमीन के अंदर छिपाई गई आइईडी को भी तलाश लेता है। यह रिमोट संचालित आइईडी के इलेक्ट्रानिक हिस्सों का पता लगाते हैं, भले ही उन्हें छिपा कर रखा गया हो। इसके साथ दूर से संचालित होने वाला सेना का आइईडी रिमोट ब्हील बेरो भी है, जो साढ़े तीन मीटर तक की उंचाई से आइईडी को उठा सकती है। इसमें टेलीस्पोपिक बूम, एक्सरे किट, शाट गन ब्रेकेट व हैंड कंट्रोलर भी है।

बम निरोधक दस्ते की चुनौतियों को देखते हुए राज्य में सेना के पास कनाडा निर्मित ईओडी-7बी बम सूट है। 40 किलोग्राम का यह सूट चार फुट की दूरी पर तीन सौ ग्राम के विस्फोट से बचा सकता है। यह 1500 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से आ रहे विस्फोटक के टुकड़ों से भी बचा सकता है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.