सेना का 89 एप पर प्रतिबंध लगाना रहा पूरी तरह से सफल, जानें क्यों सैनिकों पर लगाई गई थी यह पाबंदी
भारतीय सेना की ओर से अपने सैनिकों व अफसरों पर सोशल मीडिया प्लेटफार्म जैसे फेसबुक इंस्टाग्राम आदि समेत कुल 89 स्मार्टफोन एप (एप्लीकेशंस) के उपयोग पर प्रतिबंध लगाना पूरी तरह से सफल रहा है। जानें क्यों सैनिकों पर लगाई गई थी यह पाबंदी...
नई दिल्ली, आइएएनएस। भारतीय सेना की ओर से अपने सैनिकों व अफसरों पर सोशल मीडिया प्लेटफार्म जैसे फेसबुक, इंस्टाग्राम आदि समेत कुल 89 स्मार्टफोन एप (एप्लीकेशंस) के उपयोग पर प्रतिबंध लगाना पूरी तरह से सफल रहा है। करीब 13 लाख सैनिकों की सेना में केवल आठ सैन्य अफसरों को इन प्रतिबंधों का उल्लंघन करते पाया गया है। कम से कम 730 सैन्य अफसरों को पिछले साल 15 जुलाई से लागू इस प्रतिबंध पर अमल करवाने का जिम्मा सौंपा गया था।
सूत्रों ने बताया कि फेसबुक के हनीट्रैप में फंसकर डिजिटल डाटा और संवेदनशील जानकारियों के लीक होने की आशंका के तहत यह सख्त कदम उठाए गए हैं। केवल पांच साल पहले तक आम जनता की तरह की सुरक्षा बलों को इंटरनेट और इंटरनेट मीडिया की सबके जैसी ही पहुंच थी।
इन प्रतिबंधित मोबाइल एप में 59 चीन के वह प्रतिबंधित एप भी हैं, जिन पर भारत सरकार ने आम जनता के प्रयोग के लिए भी प्रतिबंध लगा दिया है। लेकिन सेना ने अपने सैनिकों और सैन्य गतिविधियों की संवेदनशील जानकारियों को दुश्मनों के हाथ लगने से बचाने के लिए यह सख्त कदम उठाए हैं। इसीलिए भारतीय सेना में वॉट्सएप, फेसबुक, इंस्टाग्राम, एला, स्नैपचैट, पबजी, मैसेंजर, रेडिट, ट्रूकॉलर, एंटी-वायरस 360 सिक्योरिटी, टिंडर, टंबलर, हंगामा, सांग्स.पीके, कैम स्कैनर, ओके क्यूपिड, डेली हंट और अन्य पर भी रोक लगाई गई है।
ध्यान रहे कि चीन से चल रही तनातनी के बीच पिछले साल विगत 15 जुलाई से भारतीय सेना ने फेसबुक, इंस्टाग्राम, पबजी और ट्रू-कॉलर सहित कुल 89 मोबाइल एप पर सैनिकों के इस्तेमाल पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया था। इनमें से वह 59 चीनी एप भी हैं जिन्हें कुछ महीने पहले ही केंद्र सरकार ने पूरे देश में बैन किया है। 15 जुलाई से कुछ अरसे पहले तक ये जानने के लिए सभी सैनिकों के मोबाइल फोन का वेरिफिकेशन किया गया कि क्या उन्होनें फोन से एप्लीकेशन हटाए हैं या नहीं।