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एक और दो इंजन वाले विमानों को समान अवसर मुहैया कराएगी भारतीय वायुसेना, जानें कितने खरीदे जाने हैं लड़ाकू विमान

114 बहुउद्देश्यीय लड़ाकू विमान सौदे की प्रतिस्पर्धा में हिस्सा लेने वाले एक और दो इंजनों वाले विमानों के लिए भारतीय वायुसेना समान अवसर मुहैया कराने की तैयारी कर रही है।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Thu, 12 Mar 2020 06:50 PM (IST)Updated: Thu, 12 Mar 2020 06:50 PM (IST)
एक और दो इंजन वाले विमानों को समान अवसर मुहैया कराएगी भारतीय वायुसेना, जानें कितने खरीदे जाने हैं लड़ाकू विमान
एक और दो इंजन वाले विमानों को समान अवसर मुहैया कराएगी भारतीय वायुसेना, जानें कितने खरीदे जाने हैं लड़ाकू विमान

नई दिल्ली, एएनआइ। 114 बहुउद्देश्यीय लड़ाकू विमान सौदे की प्रतिस्पर्धा में हिस्सा लेने वाले एक और दो इंजनों वाले विमानों के लिए भारतीय वायुसेना समान अवसर मुहैया कराने की तैयारी कर रही है।

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 करीब 1.5 लाख करोड़ रुपये से खरीदे जाने हैं 114 लड़ाकू विमान

करीब 1.5 लाख करोड़ रुपये (20 बिलियन डॉलर) के इस सौदे के लिए सात युद्धक विमानों के प्रतिस्पर्धा में शामिल होने की संभावना है। इनमें लॉकहीड मार्टिन का एफ-21, बोइंग के एफ-18 और एफ-15, साब का ग्रिपेन, रोसोबोरोनएक्सपोर्ट का मिग-35 और सुखोई-35 और दासौ का राफेल शामिल हैं। भारतीय वायुसेना के शीर्ष सूत्रों ने बताया, 'प्रतिस्पर्धा में एक इंजन और दो इंजन वाले विमान हैं। हम गुणात्मक आवश्यकता विशेषताओं को इस तरह तैयार करना चाहते हैं कि दोनों तरह के युद्धक विमानों के लिए समान अवसर उपलब्ध हों और उनके बीच निष्पक्ष प्रतिस्पर्धा हो सके।'

एक इंजन वाले विमान होते हैं किफायती

दो इंजन और एक इंजन वाले युद्धक विमानों के बीच प्रतिस्पर्धा में एक इंजन वाले विमान जहां किफायती होते हैं, वहीं दो इंजन वाले विमान सुरक्षा और प्रदर्शन के लिहाज से बेहतर होते हैं। संभावित प्रतिस्पर्धियों में एफ-21 और ग्रिपेन एक इंजन वाले विमान हैं जबकि शेष पांच विमान दो इंजन वाले हैं। वायुसेना जल्द ही खरीद के लिए केस स्टेटमेंट तैयार करेगी और रक्षा मंत्रालय द्वारा निविदा जारी करने के लिए उसे रक्षा खरीद परिषद के समक्ष मंजूरी के लिए प्रस्तुत करेगी।

114 युद्धक विमानों की खरीद 

वायुसेना की योजना रणनीतिक भागेदारी के जरिये 114 युद्धक विमानों की खरीद की है। इसके तहत 96 विमानों को स्वदेशी कंपनियां वैश्विक निर्माता कंपनियों के साथ साझेदारी करके भारत में ही बनाएंगी। मालूम हो कि निविदा आवश्यकताओं में जटिलताओं की वजह से फ्रांसीसी कंपनी दासौ के साथ 126 युद्धक विमानों की खरीद का सौदा परवान नहीं चढ़ सका था। लिहाजा सरकार ने 2016 में आपातकालीन प्रावधानों के तहत दासौ से 36 राफेल विमानों की खरीद का सौदा किया था। इस साल मई में ये विमान पहले अंबाला और फिर बंगाल के हाशिमारा एयरबेस पर पहुंचने शुरू होंगे।


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