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चीन से तनातनी के बीच आज शाम तक तीन और राफेल विमान आएंगे भारत, तैनाती की प्रक्रिया शुरू

चीन से तनातनी के बीच तीन और राफेल जेट बुधवार शाम तक पहुंच जाएंगे। इन लड़ाकू विमानों के पहुंचने से वायुसेना की क्षमता में वृद्धि होगी। बुधवार सुबह फ्रांस से राफेल उड़ान भरेंगे और शाम तक भारत पहुंच जाएंगे। पांच राफेल का पहला बैच 28 जुलाई को पहुंचा था।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Wed, 04 Nov 2020 06:04 AM (IST)Updated: Wed, 04 Nov 2020 06:04 AM (IST)
चीन से तनातनी के बीच आज शाम तक तीन और राफेल विमान आएंगे भारत, तैनाती की प्रक्रिया शुरू
चीन से तनातनी के बीच तीन और राफेल जेट बुधवार शाम तक पहुंच जाएंगे।

नई दिल्ली, एजेंसियां। चीन से तनातनी के बीच तीन और राफेल जेट बुधवार शाम तक पहुंच जाएंगे। इन लड़ाकू विमानों के पहुंचने से वायुसेना की क्षमता में वृद्धि होगी। समाचार एजेंसी एएनआइ के मुताबिक, बुधवार सुबह फ्रांस से राफेल उड़ान भरेंगे और शाम तक भारत पहुंच जाएंगे। वायुसेना ने संघर्ष वाले क्षेत्रों में संचालन की भूमिका में राफेल को तैनात करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। पांच राफेल का पहला बैच 28 जुलाई को पहुंच गया था।

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केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने 10 सितंबर को इन लड़ाकू विमानों को अधिकृत रूप से शामिल कर लिया था। आ रहे विमानों के शामिल होने के बाद वायुसेना के पास आठ लड़ाकू विमान हो जाएंगे। 2022 के मध्य तक कुल 36 राफेल लड़ाकू विमान भारत तक पहुंच जाएंगे। केंद्र की राजग सरकार ने 2016 में इन विमानों के लिए लगभग 60 हजार करोड़ रुपये के सौदे पर हस्ताक्षर किए थे।

वहीं समाचार एजेंसी आइएएनएस ने कहा है कि तीनों राफेल विमान फ्रांस से उड़ान भरने के बाद रास्ते में रुके बिना भारत पहुंचेंगे। सूत्रों ने बताया कि फ्रांस के एयरबेस से गुजरात के जामनगर तक की लंबी उड़ान के दौरान फ्रांसीसी वायुसेना का हवा में ईधन भरने वाला विमान भी साथ रहेगा। इससे पहले फ्रांस की कंपनी दासौ एविएशन से पांच राफेल विमानों का पहले बेड़े ने फ्रांस से उड़ान भरने के बाद संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में हाल्ट किया था।

प्राप्‍त जानकारी के मुताबिक, राफेल के लिए अलग-अलग बैच में भारतीय वायुसेना के पायलटों को फ्रांस में प्रशिक्षित किया जा रहा है। पहले बेड़े को वायुसेना में शामिल किए जाने के मौके पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने राफेल विमानों को गेम चेंजर बताया था। रक्षा मंत्री ने कहा था कि कि राफेल के साथ वायुसेना ने टेक्नोलॉजी के स्तर पर बढ़त हासिल कर ली है। यह नवीनतम हथियारों और सुपीरियर सेंसर से लैस लड़ाकू विमान है।


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