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भारत की पहली महिला जिसे समुद्र में अदम्य साहस के लिए मिल रहा है ये सम्मान

मनन ने इमेल के जरिए कहा है कि वो इस सम्मान के लिए आभारी हैं। उन्होंने ये भी कहा है कि तूफान में फंसे लोगों को बाहर निकालना उनकी ड्यूटी थी।

By Atul GuptaEdited By: Published: Sat, 09 Jul 2016 09:25 AM (IST)Updated: Sat, 09 Jul 2016 05:21 PM (IST)
भारत की पहली महिला जिसे समुद्र में अदम्य साहस के लिए मिल रहा है ये सम्मान

नई दिल्ली। पांच साल पहले राधिका मैनन वो पहली महिला थी जिन्हें मर्चेंट नेवी में कैप्टन बनाया गया था और अब राधिका मैनन दुनिया की पहली महिला बनने जा रही हैं जिन्हें अंतराष्ट्रीय मरीन ऑर्गनाईजेशन द्वारा समुद्र में अदम्य साहस के लिए सम्मानित किया जा रहा है। राधिका मैनन ने समुद्र में फंसे सात ऐसे मछुआरों की जान बचाई जिन्हें बचा पाना लगभग नामुमकिन हो गया था।

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पिछले साल जून में आंध्र प्रदेश के काकीनाड़ा से ओडिशा के गोपालपुर जा रही मछुआरों की एक नाव दुरगम्मा समुद्री तूफान में फंस गई और उसका इंजन भी खराब हो गया। मछुआरों के परिवारवालों को लगा कि वो सभी डूब गए हैं और वो उनके क्रिया कर्म की तैयारी करने लगे कि तभी उन्हें फोन आया कि सभी मछुआरों को बचा लिया गया है। राधिका मैनन और उनकी टीम ने तूफान के बावजूद उन सभी मछुआरों को सुरक्षित बाहर निकाला।

शिपिंग कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया के शिप पर मौजूद मैनन ने इमेल के जरिए कहा है कि वो इस सम्मान के लिए आभारी हैं। उन्होंने ये भी कहा है कि तूफान में फंसे लोगों को बाहर निकालना उनकी ड्यूटी थी।

पढ़ें- मर्चेंट नेवी में नौकरी के नाम पर आठ करोड़ की ठगी


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