एलएसी से सैनिकों की जल्द वापसी को चीन पर दबाव बनाएगा भारत, आज होगी कोर कमांडर स्तर की सातवें दौर की वार्ता
वार्ता का एजेंडा पूर्वी लद्दाख में टकराव के सभी बिंदुओं से सैनिकों को हटाने के लिए एक रोडमैप तैयार करना होगा। इस बातचीत की रणनीति तैयार करने के लिए शुक्रवार को यहां चाइना स्टडी ग्रुप (सीएसजी) की बैठक हुई थी।
नई दिल्ली, प्रेट्र। भारत और चीन की सेनाओं के बीच कोर कमांडर स्तर की सातवें दौर की बातचीत सोमवार को होनी है। सरकारी सूत्रों ने बताया कि भारत इसमें पूर्वी लद्दाख में टकराव वाले सभी बिंदुओं से सैनिकों को जल्द और पूरी तरह से हटाने के लिए चीन पर दबाव बनाएगा। सूत्रों के मुताबिक यह बातचीत पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर भारतीय क्षेत्र चुशूल में दोपहर 12 बजे शुरू होगी।
पूर्वी लद्दाख में कई बिंदुओं पर बनी है टकराव की स्थिति
वार्ता का एजेंडा पूर्वी लद्दाख में टकराव के सभी बिंदुओं से सैनिकों को हटाने के लिए एक रोडमैप तैयार करना होगा। इस बातचीत की रणनीति तैयार करने के लिए शुक्रवार को यहां चाइना स्टडी ग्रुप (सीएसजी) की बैठक हुई थी। इस ग्रुप में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, विदेश मंत्री एस जयशंकर, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ और तीनों सेनाओं के प्रमुख शामिल हैं। सूत्रों ने बताया कि सैनिकों की वापसी शुरू करने के लिए चीन की तरफ से पेंगोंग झील के दक्षिणी भाग के महत्वपूर्ण बिंदुओं से भारतीय सैनिकों की हटाने की किसी भी शर्त का भारत पुरजोर तरीके से विरोध करेगा।
भारतीय सैनिकों की सीधी निगरानी में है चीन का बड़ा इलाका
कोर कमांडर स्तर की पिछली बातचीत में चीन ने इस इलाके के मुखपरी, रेजांग ला और मागर हिल जैसे रणनीतिक रूप से अहम बिंदुओं से भारतीय सैनिकों को हटाने की मांग की थी। 29 और 30 अगस्त की रात चीनी सैनिक इन चोटियों पर कब्जा करना चाह रहे थे, लेकिन भारतीय सैनिकों ने न सिर्फ उन्हें पीछे खदेड़ दिया था, बल्कि उसके बाद से ही वहां जमे हुए हैं। इन अहम बिंदुओं से चीन का बड़ा इलाका भारतीय सैनिकों की सीधी निगरानी में आ गया है।