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ढाका को भारत देगा पूरी मदद: पीएम मोदी और पीएम हसीना की अगले महीने होगी वर्चुअल बैठक

पड़ोसी देशों के साथ रिश्तों को और धारदार व उपयोगी बनाने की भारत की कोशिश तेज रफ्तार पकड़ती दिख रही है। श्रीलंका के बाद पीएम नरेंद्र मोदी की अगले महीने बांग्लादेश की पीएम शेख हसीना के साथ वर्चुअल शिखर बैठक करेंगे।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Tue, 24 Nov 2020 10:52 PM (IST)Updated: Wed, 25 Nov 2020 01:45 AM (IST)
ढाका को भारत देगा पूरी मदद: पीएम मोदी और पीएम हसीना की अगले महीने होगी वर्चुअल बैठक
पड़ोसी देशों को मदद करने की मुहिम तेज।

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। पड़ोसी देशों के साथ रिश्तों को और धारदार व उपयोगी बनाने की भारत की कोशिश तेज रफ्तार पकड़ती दिख रही है। श्रीलंका के बाद पीएम नरेंद्र मोदी की अगले महीने बांग्लादेश की पीएम शेख हसीना के साथ वर्चुअल शिखर बैठक करेंगे। बैठक की संभावित तिथि 17 दिसंबर तय की गई है।

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मोदी और हसीना द्विपक्षीय रिश्तों की करेंगे समीक्षा

दोनो नेता द्विपक्षीय रिश्तों की समीक्षा करेंगे। इस दौरान दोनो देशों के बीच चार अहम समझौतों पर हस्ताक्षर भी किये जाने की संभावना है। साथ ही पीएम नरेंद्र मोदी की तरफ से बांग्लादेश को कोरोना से लड़ाई में पूरी मदद किये जाने का आश्वासन दिया जाएगा।

भारत पहले चरण में कोरोना वैक्सीन का 3 करोड़ डोज बांग्लादेश को देगा

बताते चलें कि दोनो देशों की एजेंसियों के बीच पहले ही इस बात का समझौता हो चुका है कि भारत पहले चरण में कोरोना वैक्सीन का 3 करोड़ डोज बांग्लादेश को उपलब्ध कराएगा।

बांग्लादेश के विदेश सचिव दिसंबर के पहले हफ्ते में भारत के दौरे पर आएंगे

शिखर बैठक से पहले दोनो देशों के विदेश मंत्रालयों के बीच भी एक बैठक होनी है। इसमें हिस्सा लेने के लिए बांग्लादेश के विदेश सचिव मसूद बिन मोमेन दिसंबर के पहले हफ्ते में भारत के दौरे पर आ सकते हैं।

सीएए को लेकर भारत के बांग्लादेश के साथ रिश्तों में तनाव आ गया था

सनद रहे कि पिछले वर्ष जब भारतीय संसद में सीएए लागू किया गया था तो उसके बाद बांग्लादेश के साथ रिश्तों में काफी तनाव आ गया था। पीएम हसीना ने मीडिया को दिये गये साक्षात्कार में भारतीय राजनेताओं की तरफ से बांग्लादेशी नागरिकों के खिलाफ टिप्पणी को लेकर अपनी नाराजगी जताई थी। हालांकि उसके बाद स्थिति काफी सुधर चुकी है। वैसे तीस्ता जल नदी बंटवारे को लेकर अभी तक स्थिति साफ नहीं हुई है। पश्चिम बंगाल में जल्द ही चुनाव को देखते हुए इस मुद्दे पर कोई सहमति बनने की उम्मीद कम ही है।


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