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रूस से कच्चा तेल खरीदेगा भारत, रूस की ऑयल कंपनी रोजनेफ्ट ने किया इंडियन ऑयल से करार

अमेरिका के बाद अब रूस ने भी भारत को कच्चे तेल की आपूर्ति का फैसला किया है। इसके लिए रूसी कंपनी रोजनेफ्ट ने भारतीय तेल कंपनी इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन लिमिटेड से हाथ मिलाया है।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Wed, 05 Feb 2020 10:25 PM (IST)Updated: Wed, 05 Feb 2020 10:25 PM (IST)
रूस से कच्चा तेल खरीदेगा भारत, रूस की ऑयल कंपनी रोजनेफ्ट ने किया इंडियन ऑयल से करार
रूस से कच्चा तेल खरीदेगा भारत, रूस की ऑयल कंपनी रोजनेफ्ट ने किया इंडियन ऑयल से करार

नई दिल्ली, जेएनएन। अमेरिका के बाद दुनिया की एक और बड़ी शक्ति रूस ने भी भारत को कच्चे तेल की आपूर्ति का फैसला किया है। रूस दशकों से भारत के रक्षा उपकरणों का आपूर्ति करता रहा है और अब ऊर्जा सुरक्षा में भी उसका साथ मिला है। बुधवार को रूस की दिग्गज कंपनी रोजनेफ्ट ने भारतीय तेल कंपनी इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन लिमिटेड (आइओसीएल) से हाथ मिलाया है।

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समझौते के मुताबिक रोजनेफ्ट भारत को सालाना 20 लाख टन कच्चे तेल का निर्यात करेगी। पेट्रोलियम व प्राकृतिक गैस मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने ऊर्जा सुरक्षा की दिशा में इसे एक बड़ा कदम बताते हुए कहा है कि यह भारत-रूस के रिश्तों को भी मजबूत करेगा। उन्होंने भरोसा जताया कि इंडियन ऑयल और रोजनेफ्ट मिलकर तेल व गैस क्षेत्र में परस्पर सहयोग को नई ऊंचाई पर ले जाएंगे। रोजनेफ्ट के सीईओ इगोर सेचिन के नेतृत्व में एक बड़ा प्रतिनिधिमंडल आया हुआ है।

दरअसल भारत ने पिछले कुछ वर्षों में ऑयल सेक्टर को लेकर अपनी रणनीति बदली है। उज्‍जवला, सिटी गैस वितरण समेत स्मार्ट सिटी परियोजना में क्रूड ऑयल और गैस की भागीदारी बढ़ाने के लिए भारत की कोशिश है कि क्रूड ऑयल की निर्भरता सिर्फ खाड़ी देशों पर न रहे। यही वजह है कि तेल और गैस के निर्यात के लिए भी भारत ने रूस जैसे पुराने सहयोगियों के साथ सहयोग का दायरा बढ़ाया है। ख़ास बात यह है कि इसके बदले भारत, रूस के तेल और गैस से जुड़ी परियोजनाओं में निवेश भी कर रहा है। इस सिलसिले में पिछले साल सितंबर में प्रधान ने रूस का दौरा भी किया था।

बीपीसीएल को खरीदना चाहती है रोजनेफ्ट

रोजनेफ्ट सरकारी कंपनी भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल) के अधिग्रहण के लिए बोली लगा सकती है। कंपनी की इच्छा दुनिया के तीसरे सबसे बड़े बाजार में विस्तार करने की है। ्रप्रधान और सेचिन की बैठक के बाद सूत्रों ने बताया कि कंपनी बीपीसीएल के लिए बोली लगाने की इच्छा रखती है। रोजनेफ्ट के पास भारत की निजी क्षेत्र की दूसरी सबसे बड़ी तेल रिफाइनरी में अधिकांश हिस्सेदारी है। दूसरी तरफ सरकार बीपीसीएल में अपनी समूची 53 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचने जा रही है। 


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