नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। India will become the President of the United Nations Security Council: जनवरी, 2021 में दो वर्षो के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) का दो वर्षो के लिए अस्थायी सदस्य बनने के बाद जिस वक्त का भारत इंतजार कर रहा था वह अब आने वाला है। संयुक्त राष्ट्र के नियमों के मुताबिक भारत अगस्त, 2021 में एक महीने के लिए यूएनएससी की अध्यक्षता संभालेगा। भारतीय विदेश मंत्रालय इस अवसर का भारतीय कूटनीति के लिहाज से भरपूर इस्तेमाल करने की रणनीति बनाने में लगा है। इस दौरान भारत आतंकवाद, आतंकवाद को फंडिंग, समुद्री सुरक्षा और अफगानिस्तान के मुद्दे को खास तौर पर उठाएगा। ये सभी मुद्दे भारत के मौजूदा व दीर्घकालिक हितों से सीधे तौर पर जुड़े हुए हैं। इन मुद्दों पर सुरक्षा परिषद के तहत होने वाले आयोजनों में पीएम नरेंद्र मोदी, विदेश मंत्री एस जयशंकर और विदेश सचिव हर्ष श्रृंगला भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे।
दोस्ताना संबंध रखने वाले देशों को मिलेगी खास तवज्जो
भारत अपनी तैयारियों को लेकर कितना गंभीर है इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि विदेश सचिव श्रृंगला हाल ही में न्यूयार्क स्थित संयुक्त राष्ट्र के कार्यालय का दौरा करके आए हैं। इस दौरान श्रृंगला ने उन देशों के प्रतिनिधियों से खास तौर पर मुलाकात की जिनकी मदद की दरकार भारत को अपनी अध्यक्षता के दौरान विभिन्न मुद्दों पर होगी। उन्होंने भारत के महत्वपूर्ण रणनीतिक साझेदार देश फ्रांस की अध्यक्षता में लीबिया पर हुई बैठक में भाग लेकर फ्रांस के साथ अपनी प्रतिबद्धता दिखाई। इस दौरान उन्होंने फ्रांस के विदेश मंत्री जां-वे ले द्रां के साथ वार्ता की और अगस्त में भारत की अगुवाई में होने वाली बैठकों में हिस्सा लेने के लिए उन्हें आमंत्रित भी किया। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंतोनियो गुतेरस के साथ अलग से मुलाकात की और भारत की अध्यक्षता में उठाये जाने वाले मुद्दों के बारे में खास तौर पर चर्चा की।
श्रृंगला ने अमेरिका में ब्रिटेन के विदेश राज्य मंत्री से मुलाकात
कूटनीतिक सूत्रों ने बताया कि विदेश मंत्री की हाल ही में हुई मास्को यात्रा के दौरान रूस के विदेश मंत्री के साथ भारतीय एजेंडे पर बात हुई है। ब्रिटेन के साथ भी भारत इस बारे में कूटनीतिक संपर्क में है। श्रृंगला ने अमेरिका में ब्रिटेन के विदेश राज्य मंत्री से मुलाकात की थी। अगले हफ्ते जयशंकर और अमेरिकी विदेश मंत्री एंटोनी ¨ब्लकेन के बीच की बैठक में भी यह एक अहम मुद्दा रहेगा।यूएनएससी के स्थायी सदस्यों में सिर्फ चीन ही ऐसा देश है जिसके साथ भारत ने इस बारे में अभी तक विमर्श नहीं किया है। अगस्त, 2021 में विदेश मंत्री जयशंकर और विदेश सचिव की अमेरिका यात्रा की भी पूरी संभावना है। ये दोनों भारत के हितों को प्रभावित करने वाली बैठकों की अहमियत के मुताबिक वहां शिरकत करेंगे।
अफगानिस्तान के मुद्दे को जोर-शोर से उठाया जाएगा
सूत्रों ने बताया है कि अफगानिस्तान एक ऐसा मुद्दा है जिसको लेकर फिलहाल सभी देशों की नजर है और निश्चित तौर पर भारत की कोशिश होगी कि वहां के हालात को विश्व बिरादरी ज्यादा गंभीरता से ले। इसके अलावा सामुद्रिक सुरक्षा के मुद्दा को भी अगले महीने ज्यादा तवज्जो मिलने की संभावना है। ये दोनों ऐसे मुद्दे हैं जो न सिर्फ भारत के हितों को सीधे तौर पर प्रभावित करते हैं बल्कि यूएनएससी के सभी स्थायी सदस्य भी इनसे जुड़े हुए हैं। भारत की तैयारियों के बारे में पूछने पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अ¨रदम बागची ने बताया कि अगस्त में यूएनएससी की अध्यक्षता भारत के पास होगी। इसके लिए हमारी प्राथमिकता की सूची बनाई जा रही है। यह हमारे लिए एक बहुत महत्वपूर्ण समय है।
जानें क्या है सुरक्षा परिषद
बता दें कि सुरक्षा परिषद संयुक्त राष्ट्र के छह मुख्य अंगों में से एक है। इसका उद्देश्य अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा बनाए रखना है। इसका पहला सत्र 17 जनवरी 1946 को वेस्टमिंस्टर, लंदन में आयोजित किया गया था। UNSC के 15 सदस्य हैं। अमेरिका, यूके, रूस, चीन और फ्रांस इसके स्थायी सदस्य हैं। इन स्थायी सदस्यों के पास वीटो का अधिकार हैं। दस निर्वाचित या अस्थाई सदस्यों का कार्यकाल दो वर्ष का होता है। वर्तमान में गैर स्थायी सदस्यों में एस्टोनिया, भारत, आयरलैंड, केन्या, मैक्सिको, नाइजर, नॉर्वे, सेंट विंसेंट और ग्रेनेडाइंस, ट्यूनीशिया और वियतनाम हैं।