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अब भारत बनेगा इलेक्ट्रॉनिक्स कंपनियों का पसंदीदा स्थल

केंद्र सरकार ने आर्थिक सर्वे 2016-17 में ही यह साफ कर दिया था कि चीन की आर्थिक मंदी ने भारत के सामने चुनौतियों के साथ अवसर भी पैदा कर दिया है। अवसर यह है कि भारत अब मैन्यूफैक्चरिंग क्षेत्र में चीन का स्थान ले सकता है।

By Gunateet OjhaEdited By: Published: Tue, 01 Mar 2016 08:05 PM (IST)Updated: Tue, 01 Mar 2016 09:38 PM (IST)
अब भारत बनेगा इलेक्ट्रॉनिक्स कंपनियों का पसंदीदा स्थल

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने आर्थिक सर्वे 2016-17 में ही यह साफ कर दिया था कि चीन की आर्थिक मंदी ने भारत के सामने चुनौतियों के साथ अवसर भी पैदा कर दिया है। अवसर यह है कि भारत अब मैन्यूफैक्चरिंग क्षेत्र में चीन का स्थान ले सकता है।

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खास तौर पर इलेक्ट्रॉनिक्स निर्माण में भारत दुनिया का नया पसंदीदा स्थल बनने की तरफ अग्रसर है। इस स्थिति का पूरा फायदा उठाते हुए आम बजट 2016-17 में भी इस बात को पूरा प्रोत्साहन दिया गया है। बजटीय प्रस्तावों को सही माहौल मिल गया तो भारत आने वाले दिनों में राउटर्स, ब्रॉडबैंज मॉडम, सीसीटीवी कैमरा, सेट टॉप बॉक्स, डिजिटल वीडियो रिकॉर्डर, लिथियम बैट्री आदि निर्माण में दुनिया की कंपनियों का पसंदीदा स्थल बनेगा।

संचार व सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने यह बताया कि जब भारत सरकार के पास इलेक्ट्रॉनिक्स कंपनियों की तरफ से 1,20,292 करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव मिल चुके हैं। इनमें से 18 करोड़ रुपये के प्रस्तावों को मंजूरी दी गई है। अन्य प्रस्तावों पर भी तेजी से फैसला लेने की प्रक्रिया जारी है। जब सरकार का गठन हुआ था तब सिर्फ 11,800 करोड़ रुपये के प्रस्ताव देश के पास थे। मोबाइल कंपनियों के लिए भारत एक पसंदीदा स्थल पहले ही बन चुका है।

वर्ष 2014-15 में देश में 2.4 करोड़ मोबाइल फोन का निर्माण किया गया था चालू वित्त वर्ष के पहले 10 महीनों में 11 करोड़ मोबाइल हैंडसेट का निर्माण किया गया है। वित्त प्रस्ताव में कई तरह के भारत में बनने वाले इलेक्ट्रॉनिक्स उपकरणों को आयातित उपकरणों के मुकाबले 8. फीसद अतिरिक्त शुल्क रियायत देने की नीति लागू की गई है। जबकि मोबाइल फोन, बैट्री, हेडफोन, स्पीकर्स आदि को आयातित उत्पादों के मुकाबले 10.5 फीसद ज्यादा रियायत देने का ऐलान किया गया है। इस तरह से अब इन उत्पादों का आयात कम होगा। भारत में ज्यादा घरेलू मांग को देखते हुए विदेशी कंपनियां यहां प्लांट लगाना बेहतर समझेंगी।

इन कदमों के अलावा बजट में सूचना प्रौद्योगिकी कंपनियों को आय कर में कुछ अहम रियायत देने का ऐलान किया गया है। विशेष निर्यात क्षेत्र में स्थापित होने वाली आइटी मैन्यूफैक्चरिंग कंपनियों को आय कर में मिलने वाली रियायत की अवधि वर्ष 2017 में समाप्त हो रही थी जिसे तीन वर्षो के लिए बढ़ा दिया गाय है। बीपीओ कंपनियों को ज्यादा कर्मचारियों को रखने और उन्हें प्रशिक्षण देने पर जो अतिरिक्त कर्मचारी रखने पड़ते हैं उस पर रियायत देने का ऐलान किया गया है।


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